तीन दिन तक कमरे में सड़ता रहा ललिता पवार का शव, जानिए उनके मौत की दर्दभरी कहानी
ललिता पवार…बॉलीवुड की वो अदाकारा जिसने सौतेली मां से लेकर क्रूर सास तक के किरदारों से सबको दहला दिया। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वह इंडस्ट्री में बड़ी हीरोइन बनने का सपना लेकर आई थीं। लेकिन एक हादसे ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया। फिल्म जंग-ए-आजादी की शूटिंग के दौरान एक थप्पड़ ने उन्हें जीवन का पहला झटका दिया। आज मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री की बेहतरीन अदाकारा ललिता पवार की डेथ एनिवर्सरी है।
एक दुर्घटना ने बनाया खलनायक
ऐसा बोला जाता है कि एक सीन में उन्हें ईश्वर दादा के साथ शूट करना था, अदाकार को उन्हें जोरदार थप्पड़ मारना था। बोला जाता है कि थप्पड़ इतना जोरदार था कि न सिर्फ़ ललिता पवार के कान का पर्दा फट गया बल्कि उनकी एक आंख भी हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो गई। यह दुर्घटना बहुत दुखद था लेकिन उन्होंने हौसला नहीं हारी। वर्षों बाद फिर से वापसी की, यह और बात थी कि हीरोइन बनना अब संभव नहीं था लेकिन उन्होंने एक्टिंग से अपना जुड़ाव जारी रखा। धीरे-धीरे वो खलनायिका वाले किरदारों में दिखने लगीं। वहीं रामायण में मंथरा बनकर तो उन्हें खूब लोकप्रियता मिली, लेकिन निजी जीवन में तकलीफों का दौर जारी रहा।
पहले पति ने दिया था धोखा
एक्ट्रेस को दूसरा झटका तब लगा जब उनके पति गणपत राव ने अपनी बहन के लिए उन्हें विश्वासघात दिया। ललिता पवार ने दो बार विवाह की थी। उनकी पहली विवाह फिल्म निर्माता गणपतराव से हुई थी, जिन्होंने उनकी छोटी बहन के लिए उन्हें विश्वासघात दिया था। दोनों का अफेयर चल रहा था। जब ललिता को इस बात का पता चला तो उसका दिल टूट गया। हालांकि, उन्होंने प्यार को दूसरा मौका दिया और फिल्म मेकर राजकुमार गुप्ता से विवाह कर ली। राजकुमार से उनका एक बेटा जय पवार है।
अपने दौर की बोल्ड एक्ट्रेस
ललिता पवार ने महज 9 वर्ष की उम्र में अभिनय प्रारम्भ कर दी थी। अदाकारा अपने समय की बहुत खूबसूरत और बोल्ड अभिनेत्रियों में गिनी जाती थीं। हर तरफ उनकी खूबसूरती के चर्चे हो रहे थे। लेकिन उस हादसे के बाद उन्हें फिल्मों में हीरोइन का रोल नहीं मिला। हालांकि ललिता ने चरित्र भूमिकाओं के साथ मजबूत वापसी की। ललिता पवार की कुछ मशहूर फिल्मों में अनाड़ी, परछाई, श्री 420 मिस्टर एंड मिसेज 55 आदि शामिल हैं।
तीन दिन बाद मिला शव
24 फरवरी 1988 को इस दुनिया को अलविदा कहने वाली ललिता पवार अपने अंतिम पलों में अकेली रहीं। उनकी मृत्यु मुंह के कैंसर से हुई। वह पुणे से कैंसर का उपचार करा रही थीं। जब ललिता ने अंतिम सांस ली तो वह अपने बंगले में अकेली थीं और उनके पति राजकुमार गुप्ता हॉस्पिटल में भर्ती थे। तीन दिन बाद उनकी मृत्यु की समाचार सामने आई। घर का दरवाजा तोड़ने पर पुलिस को ललिता पवार का तीन दिन पुराना मृतशरीर मिला। एक बार एक साक्षात्कार में उन्होंने यहां तक कह दिया था कि उन्होंने कई बुरे रोल किए हैं, शायद इसी की सजा उन्हें मिल रही है।