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Mrunal Thakur: सीता रामम के बाद तेलुगु फिल्में नहीं करना चाहती थीं मृणाल, फिर ऐसे बनी बात

टीवी से अपने करियर की आरंभ करने वाली अदाकारा मृणाल ठाकुर अब फिल्मी दुनिया में नाम कमा रही हैं. वे अपने एक्टिंग से लगातार दर्शकों का दिल जीत रही हैं. उन्होंने हिंदी के साथ-साथ कई तेलुगु फिल्मों में भी काम किया है. हाल ही में उन्होंने तेलुगु भाषा की फिल्मों में काम करने के अनुभव को साझा किया. दरअसल, मृणाल की मातृभाषा हिंदी और मराठी है. इस वजह से तेलुगु फिल्मों में काम करना उनके लिए बहुत मुश्किल था.

तेलुगु नहीं आने से करना पड़ा मुश्किलों का सामना
मृणाल ठाकुर ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में टॉलीवुड में काम करने के बारे में खुलकर वार्ता की. उन्होंने अपने उस दौर के किस्से सुनाए, जब वे स्वयं को कमजोर महसूस कर रही थीं. मृणाल ने फिल्म ‘सीता रामम’ से जुड़ा किस्सा बताते हुए बोला कि तेलुगु भाषा में काम करना उनके लिए बहुत कठिन भरा था. वे उस भाषा को जानती ही नहीं थीं.

आंसू के साथ मिली तारीफ
उन्होंने बोला कि मैं ऐसी स्थान पर नहीं रहना चाहती, जहां मैं अपने को किसी अभावग्रस्त सा महसूस करूं. जब आप किसी भाषा को नहीं जानते हैं तो आपको बेचैनी होने लगती है. कई ऐसे मौके भी आए, जब मैं हार मानकर काम छोड़ने वाली थी. उस स्थिति में मेरे आंसू बह निकले थे, लेकिन आंसुओं की हर बूंद मेरे लिए प्रशंसा लेकर आई.

तेलुगु में काम करने से इंकार किया तो क्या हुआ
दुलकर सलमान ने मृणाल ठाकुर की उनके कठिन समय में काफी सहायता की थी. मृणाल ने कहा कि एक दिन कश्मीर में सलमान दुलकर से बात करते हुए उन्होंने कह दिया था कि ‘सीता रामम’ तेलुगु में उनकी पहली और अंतिम फिल्म है. इसके बाद वे किसी तेलुगु फिल्म में काम नहीं करेंगी. यह सुनने के बाद दुलकर ने सिर्फ़ इतना बोला कि हम देखेंगे. मृणाल ने आगे बोला कि दुलकर अपने काम को लेकर काफी समर्पित हैं और वे भाषा से डरते नहीं हैं. उन्होंने बोला कि यदि आज वे तमिल या कन्नड़ भाषा की फिल्म में काम करने के बारे में सोचती हैं तो इसकी एक वजह दुलकर सलमान ही हैं.

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