एक्ट्रेसेस ने ठुकराया तो मुझे ‘नगमा’ का रोल मिला : ऋचा चड्ढा
ऋचा चड्ढा की फिल्म ‘फुकरे-3’ ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन किया है। ये ‘फुकरे’ फ्रेंचाइजी की तीसरी फिल्म है जिसे मृगदीप सिंह लांबा ने बनाया है। दैनिक मीडिया से हुई खास वार्ता के दौरान ऋचा ने कहा कि कैसे उन्हे फिल्मों में ब्रेक मिला। 2012 में आई फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ ने उनकी जीवन बदल दी। ऋचा ने ये भी बोला कि इंडस्ट्री में एक्ट्रेसेस को बड़ी उम्र के रोल निभाने से परेशानी है।
ऋचा को बचपन से स्टेज परफॉर्मेंस का शौक था
ऋचा चड्ढा को अभिनय का कीड़ा बोला से आया? इस पर ऋचा ने कहा, ‘मैं बचपन से विद्यालय और कॉलेज के स्टेज पर परफॉर्म किया करती थी और मुझे बहुत मजा आता था। मैंने स्कूल, कॉलेज के छोटे-मोटे नाटक के लिए अवॉर्ड भी जीता। मैं हमेशा से परफॉरमिंग आर्ट में ही कुछ करना चाहती थी। मैंने 4-5 वर्ष की उम्र से सोच लिया था कि कुछ ऐसा ही करूंगी। जैसे जैसे आप बड़े होते हैं, भिन्न-भिन्न सिनेमा, कलाकृतियां देखते हैं, डांस फॉर्म देखते हैं। इन सब के साथ आप ग्रो होते हैं और साथ ही आपकी ख्वाहिशें भी ग्रो होती हैं, कि आपको ये सिनेमा करना है, इस तरह का नाटक करना है। ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ।’
‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ एक कल्ट फिल्म साबित हुई
पहली फिल्म ‘ओए लक्की, लक्की ओए’ कैसे मिली? ऋचा ने कहा, ‘मुझे ओए लक्की।। इसलिए मिली क्योंकि मैं एक नाटक ‘बगदाद का गुलाम’ कर रही थी। इस नाटक के डायरेक्टर मेरे गुरु बैरी जॉन थे। उस दौरान मेरा प्ले देखने के लिए डायरेक्टर कनु बहल आए थे। उन्होंने बोला कि वे मेरा ऑडिशन लेना चाहते हैं। मेरा ऑडिशन अच्छा हुआ, और फिर मुझे ये रोल मिल गया था।’
ऋचा अपनी जीवन में ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ को टर्निंग पॉइंट मानती हैं क्योंकि उस फिल्म से पूरे विश्व को पता चल गया कि एक अदाकारा है जिसने पर्दे पर ऐसा रोल निभाया है। ये छोटी है मगर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मां बनी है। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ फिल्म ने भी बहुत अच्छा परफॉर्म किया और एक कल्ट फिल्म साबित हुई।
‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के रोल के बाद गांव, देहात वाले बहुत रोल ऑफर हुए
जहां लोग बड़ी उम्र के रोल निभाने से बचते हैं वहीं ऋचा ने रिस्क लिया और फिल्म में कम उम्र से सीधा मां का रोल निभाया। ऋचा ने कहा कि लोग ऐसे रोल से बचते हैं। उनका बचना कहीं न कहीं सही भी है। इंडस्ट्री में हर आदमी इतना आर्टिस्टिक्ली नहीं सोचता है। डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने मुझसे बोला था कि तुम्हें ये रोल इसलिए मिल रहा है क्योंकि दूसरी एक्ट्रेसेस ने इंकार कर दिया। उन लोगों ने इसलिए इंकार किया क्योंकि उनको एजिंग रोल से परेशानी थी।
मैं सोचने लगी कि उन लोगों ने ये रोल इंकार करके बेवकूफी कर दी। मैं इस रोल को एक तरह से मौका मानती हूं, जहां मुझे इतना कमाल का जूसी, मीटी भूमिका निभाने को मिला। मुझे ये भूमिका निभाने में बहुत मजा भी आया।’
ऋचा ने ये भी कहा कि ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के रोल के बाद उनको गांव, देहात वाले खूब रोल ऑफर हुए। किसी की झाड़ू से पिटाई करनी है, बेलन फेंक कर मारना है, गाली देनी है, इस तरह के काफी भूमिका उनके पास आए।