स्वास्थ्य

जोड़ों में दर्द, बदन में दर्द, खांसी-जुकाम इन बिमारियों में भी उपयोगी है ये औषधि

खरगोन स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद किसी खजाने से कम नहीं है प्राचीन काल में वैद्य लोगों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक औषधियों का ही इस्तेमाल करते थे आज भी कई गंभीर रोंगों को जड़ से समाप्त करने में आयुर्वेदिक औषधियां कारगर सिद्ध होती हैं अश्वगंधा भी उन्हीं में से एक औषधीय मानी जाती है

अश्वगंधा एक रसायन युक्त औषधीय है यह हर मर्ज की दवा मानी जाती है बता दें कि जितनी भी रसायन औषधि होती हैं, वे व्याधि, जरा और उम्र को कम करती हैं ठंडे प्रदेशों को छोड़कर अन्य सभी भागों में अश्वगंधा पाया जाता है मध्य प्रदेश के भी कई जिलों में इसकी खेती होती है बाजार में दुकानों पर सरलता से मौजूद है

दूध या शहद के साथ लें
आयुर्वेद अस्पताल खरगोन में पदस्थ आयुर्वेद के जानकार डाक्टर संतोष कुमार मौर्य ने कहा कि अश्वगंधा आयुर्वेद की काफी प्रचलित और गुणकारी औषधि है इसकी जड़ का पाउडर बनाया जाता है जिसे दूध और शहद के साथ ले सकते हैं इसे दूध की खीर में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं रसायन औषधि होने से यह किसी भी तरह के बीमारी को दूर करने और बुढ़ापे की रोकथाम के लिए काफी लाभ वाला है

इन रोंगों के लिए रामबाण
अश्वगंधा में सभी तरह के विटामिन पाए जाते हैं इसे मल्टीविटामिन औषधि भी कहते हैं कई तरह की रोंगों के इलाज में उपयोगी है इसका सेवन करने से समय पहले बुढ़ापा नहीं आता जोड़ों में दर्द, बदन में दर्द, खांसी-जुकाम, कमजोरी जैसी अन्य रोंगों में भी उपयोगी है

कितनी मात्रा में करें सेवन
डॉ संतोष कुमार मौर्य ने कहा कि तीन से पांच ग्राम मात्रा में अश्वगंधा के पाउडर को दूध में घोलकर या फिर खीर बनाकर प्रतिदिन सेवन करें महिला, पुरुष, बुजुर्ग एवं बच्चे सभी उम्र के लोग इसका सेवन कर सकते हैं छोटे बच्चे एक ग्राम पाउडर का सेवन करें

 

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