स्वास्थ्य

प्रकृति में बिताया गया समय मेंटल हेल्थ के लिए है वरदान

शहर के शोर-गुल से दूर, व्यस्त दिनचर्या से ब्रेक लेकर, क्या आपने कभी गौर किया है कि पेड़ों के नीचे या पहाड़ों के बीच खड़े होने पर मन को अजीब सी शांति मिलती है? जी हां, प्रकृति का अद्भुत नजारा न केवल आंखों को शाँति देता है, बल्कि हमारी मेंटल पर भी इसका गहरा असर पड़ता है

प्रकृति हमारी मेंटल पर पॉजिटिव कैसे असर डालती है और हम कैसे इससे अधिक से अधिक फायदा उठा सकते हैं, द सीकर की संस्थापक और सीईओ अक्क्षिता ने इसपर विस्तार से समझाया आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या जरूरी बातें बताईं

तनाव कम करना
ऊँचे पेड़ों से घिरे रहने, पत्तों की सरसराहट और दूर बहती नदी की आवाज – ये सब हमारे दिमाग को शांत करने में सहायता करते हैं प्रकृति का ये सुखदायक अनुभव हमारे शरीर में होने वाली प्रतिक्रियाओं को भी प्रभावित करता है प्रकृति की शांत बगीचे में रहने से तनाव का हार्मोन कोर्टिसोल का लेवल कम हो जाता है

मूड में सुधार
प्रकृति का असर केवल खूबसूरती तक सीमित नहीं है यह हमारे मूड को भी बेहतर बना सकता है अध्ययन बताते हैं कि नेचुरल वातावरण में रहने से सेरोटोनिन का लेवल बढ़ जाता है सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो हमारे मूड को कंट्रोल करता है

शारीरिक सहनशक्ति
प्रकृति का आनंद लेना न केवल हमारे मन को अच्छा करता है बल्कि शरीर को भी नयी ऊर्जा देता है चाहे तेज पैदल चलना हो या खूबसूरत रास्तों पर साइकिल चलाना हो, प्राकृतिक वातावरण का हमारी मेंटल हेल्थ पर पॉजिटिव असर पड़ता है प्राकृतिक वातावरण में रहने से एंडोर्फिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे दिनभर की थकान दूर हो जाती है

दिमाग को तेज बनाना
प्रकृति हमारी पांचों इंद्रियों को जगाती है पेड़ों से छनकर आती रोशनी या पक्षियों की चहचाहट दिमाग को सक्रिय करती है प्रकृति की ये उत्तेजनाएं हमें सचेतन और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती हैं

संबंध और उद्देश्य
प्रकृति में समय बिताने से हमें स्वयं से, दूसरों से और अपने आसपास की दुनिया से जुड़ाव महसूस होता है अपनेपन का ये एहसास हमें एक उद्देश्य देता है हम वर्तमान का आनंद ले पाते हैं और जीवन को सार्थक बनाते हैं

प्रकृति की गोद में समय बिताकर हम अपने मेंटल हेल्थ के लिए ढेरों लाभ उठा सकते हैं प्रकृति हमें तरोताजा करती है, सचेतनता बढ़ाती है और आंतरिक शांति का अनुभव कराती है

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