स्वास्थ्य

बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर बढ़ा देता है हृदय रोगों का खतरा

Hypertension: हाइपरटेंशन यानी बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर हमारी स्वास्थ्य के लिए आज एक बड़े खतरे के रूप में उभर रहा है. स्वस्थ शरीर के लिए आपके ब्लड प्रेशर का समान्य होना बहुत महत्वपूर्ण है. यदि आपका बीपी सामान्य से अधिक या कम रहता है, तो सचेत हो जाने की आवश्यकता है. क्योंकि, हाइपरटेंशन, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की सबसे प्रमुख वजह है. यह सच है कि उम्र बढ़ने के साथ इसका खतरा भी बढ़ता है, लेकिन आजकल अनियमित जीवनशैली, तनावपूर्ण वातावरण, खान-पान की गलत आदत आदि की वजह से युवाओं में भी इसका खतरा बढ़ गया है.

खराब जीवनशैली और बढ़ता तनाव

आजकल हाइपरटेंशन के मुद्दे में खराब लाइफस्टाइल का रोल सबसे बड़ा होता है. रात में देर तक जागना, सुबह देर तक सोना, न सुबह की सैन, न कोई शारीरिक व्यायाम, सूरज की रोशनी से दूरी, मेहनत से पसीना न निकालना आदि ऐसे बहुत से कारणों से हमारी जीवनशैली पूरी तरह प्रभावित है. इसके साथ-साथ लोगों के जीवन में बढ़ता तनाव आदि हाइपरटेंशन की जड़ है. तनाव की वजह से हमारी नींद खराब होती है, जिससे हाइपरटेंशन, डायबिटीज और अन्य दूसरी बीमारियां होती हैं.

इस तरह करें हाइपरटेंशन से बचाव

जरूरी है नियमित रूप से आप ब्लड प्रेशर की जांच करवाएं और जानें कि आपका ब्लड प्रेशर स्टेटस क्या है. यदि आप प्री हाइपरटेंशन रोगी की कैटेगरी में आते हैं, तो इससे बचाव के पूरा कदम उठाने महत्वपूर्ण हैं.

  • समुचित जांच, ठीक राय और जीवनशैली में परिवर्तन से सिस्टोलिक हाइपरटेंशन को नियंत्रित किया जा सकता है.
  • युवाओं को भी अपना ब्लड प्रेशर जरूर चेक कराना चाहिए. यदि ब्लड प्रेशर अधिक हो तो चिकित्सक को कंसल्ट करें.
  • घर के बने संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करें. आहार में ज्यादा-से-ज्यादा मौसमी फल-सब्जियों को शामिल करें. केला, मौसमी, अनार, नारियल का पानी जैसे पोटेशियम रिच फलों का सेवन अधिक करें.
  • फास्ट फूड, जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, वसायुक्त आहार से परहेज करें. अधिक नमक वाली चीजें जैसे- पैकेज्ड फूड, आचार, पापड़, चिप्स, नमकीन, चीज ब्रेड कम खाएं. यहां तक कि सलाद में नमक डालकर नहीं खाना चाहिए.
  • आहार में नमक कम-से-कम लें. खासकर टेबल सॉल्ट यानी ऊपर में नमक मिलाना अवायड करें. शरीर के लिए नमक महत्वपूर्ण है, लेकिन जब इसकी मात्रा शरीर में अधिक हो जाये तो बीपी बढ़ जाता है. चाय-कॉफी जैसे कैफीनयुक्त पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करें.
  • घर पर ब्लडप्रेशर मॉनीटर से रेगुलर चेक करें. ध्यान रखें कि ब्लड प्रेशर मॉनीटर करते समय धैर्य रखें. वाइटकोट हाइपरटेंशन से बचें. समय-समय पर चिकित्सक को कंसल्ट करने से घबराएं नहीं.
  • अगर आपका ब्लड प्रेशर काफी समय से 140/90 मिमी एचजी से अधिक हो तो चिकित्सक के परामर्श से नियमित दवाई लें.
  • यह मानकर चलें कि दवाएं आपकी दोस्त हैं और इन्हें नियमित लें. आमतौर पर 10 में से 9 रोगियों की दवाई जीवन भर चलती है. ब्लड प्रेशर कंट्रोल में होने पर भी चिकित्सक की राय पर दवाइयों में होने वाली फेरबदल पर अमल करें.
  • रेगुलर फिजिकल चेकअप कराएं, ताकि ब्लड प्रेशर से शरीर के दूसरे अंगों पर पड़ने वाले असर की यथासमय जांच भी हो जाये. यदि कोई गंभीर रोग हो, तो चिकित्सक से परामर्श करके इलाज कराएं.
  • यथासंभव वजन नियंत्रित रखें. रेगुलर कम-से-कम 45 मिनट फिजिकल एक्टिविटी जैसे- योग या एक्सरसाइज करें. ब्रिस्क वॉक करें. स्ट्रेस कम करने के लिए मेडिटेशन करें.
  • अल्कोहल के सेवन और स्मोकिंग से परहेज करें.

खान-पान का रोल बहुत अहम रोल

हाइपरटेंशन को कम करने में हमारे खान-पान का काफी अहम रोल होता है. हाइपरटेंशन से बचने के लिए अधिक फैट (घी, रिफाइंड और तेल) और मसाले वाले खाने से जरूर बचें. खाने में ऊपर से नमक लेने की आदत छोड़ दें. जिन्हें हाइ बीपी की परेशानी है, उनके लिए तो यह महत्वपूर्ण है कि नमक सामान्य से भी कम लें. प्रत्येक दिन 3 से 5 ग्राम (लगभग 1 छोटा चम्मच) नमक काफी है. कई लोग ऊपर से नमक लेते हैं, यह नुकसानदायक है. नमकीन, मिक्सचर आदि को न कहें. साथ ही ऐसे फूड का चुनाव करें, जिनमें मैग्नीशियम की मात्रा अधिक हो जैसे- सभी तरह के सीड्स (लौकी के बीज, फ्लैक्स सीड आदि). साथ ही प्रत्येक दिन हरी सब्जियों और फलों का सेवन करें. सब्जियों में पालक और दूसरे साग समेत पत्तेदार सब्जियों का सेवन खूब करें.

 

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