बाजरा या गेहूं, जानिए किस आटे की रोटी होती है ज्यादा सेहतमंद…
नई दिल्ली: बाजरा बनाम गेहूं की रोटी: रोटी भारतीय आहार का एक प्रमुख हिस्सा है। इसके बिना कई लोगों का खाना अधूरा रह जाता है। आमतौर पर लोग रोटी बनाने के लिए गेहूं के आटे का इस्तेमाल करते हैं। हालाँकि, हाल के दिनों में बाजरे की बढ़ती लोकप्रियता के कारण, कई लोग अब बाजरे की रोटी खाना पसंद कर रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि बाजरे के आटे से बनी रोटी गेहूं की रोटी से अधिक लाभ वाला होती है। यदि आप भी इस बात को लेकर असमंजस में हैं तो आज इस लेख में आप जानेंगे कि किस आटे की रोटी अधिक स्वास्थ्य वर्धक होती है। गेहूं या बाजरा।
गेहूं की रोटी
गेहूं एक लोकप्रिय अनाज है, जिसका इस्तेमाल पारंपरिक रूप से रोटी बनाने के लिए किया जाता है। यह अनाज आहार फाइबर का एक अच्छा साधन है, जो पाचन में सहायता करता है, आंत्र नियमितता बनाए रखता है और आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस करने में सहायता करता है। इसके अलावा, यह बी-विटामिन, आयरन, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे जरूरी पोषक तत्वों से भी भरपूर है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभ वाला हैं।
बाजरे की रोटी
बाजरा, रागी, ज्वार जैसे अनाजों के समूह को बाजरा बोला जाता है। हाल ही में, यह राष्ट्र भर में पारंपरिक अनाज के एक पौष्टिक विकल्प के रूप में उभरा है। वे स्वाभाविक रूप से ग्लूटेन-मुक्त होते हैं, जिससे बाजरे की रोटी ग्लूटेन संवेदनशीलता या सीलिएक बीमारी वाले लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प बन जाती है। वे फाइबर, लौह, कैल्शियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्वों से भरे होते हैं, जो आपके आहार में सहायता करते हैं। पोषण होता है। इतना ही नहीं, इसमें गेहूं की तुलना में कम जीआई होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और टाइप 2 मधुमेह के खतरे को कम करने में सहायता करता है।
ग्लूटेन सामग्री: गेहूं बनाम बाजरा
ग्लूटेन-मुक्त होने के कारण, बाजरा ग्लूटेन संवेदनशीलता या सीलिएक बीमारी वाले लोगों के लिए बेहतर विकल्प साबित होता है। दूसरी ओर, गेहूं में ग्लूटेन होता है। ऐसे मुद्दे में, गेहूं ज्यादातर लोगों के लिए ठीक है, लेकिन ग्लूटेन से संबंधित विकार वाले लोगों के लिए बाजरे की रोटी अधिक उपयुक्त विकल्प हो सकती है।
रक्त शर्करा पर प्रभाव: गेहूं बनाम बाजरा
अपने कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण, बाजरे की रोटी रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर बनाए रखने के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरती है। साथ ही, गेहूं की रोटी, भले ही संतुलित आहार का हिस्सा हो, रक्त शर्करा पर अपेक्षाकृत बड़ा असर डाल सकती है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने की प्रयास कर रहे लोगों के लिए इस पर विचार करना जरूरी हो जाता है।
वजन प्रबंधन: गेहूं बनाम बाजरा
बाजरे में उच्च फाइबर सामग्री के कारण, वे आपको लंबे समय तक तृप्त रखते हैं, संभावित रूप से वजन प्रबंधन में सहायता करते हैं। इसी तरह, गेहूं की रोटी, फाइबर का एक अच्छा साधन होने के कारण, आपको पेट भरा हुआ महसूस करने में भी सहायता करती है, जिससे यह उन लोगों के लिए बिल्कुल ठीक है जो अपने वजन को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
हृदय मस्तिष्क: गेहूं बनाम बाजरा
बाजरे की रोटी मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है।
रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायता करके दिल स्वास्थ्य में सहयोग देता है। फाइबर सामग्री के साथ मिलकर ये खनिज दिल संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम करने में सहायता कर सकते हैं। इस बीच, साबुत अनाज की ब्रेड, विशेष रूप से जई और जौ जैसे हृदय-स्वस्थ अनाज, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके समग्र दिल स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं।
गेहूं या बाजरा: कौन सा बेहतर है?
जैसा कि उपरोक्त तुलना से साफ है, गेहूं और बाजरा दोनों ही स्वास्थ्य के लिए लाभ वाला हैं। दोनों प्रकार की ब्रेड की अपनी-अपनी अलग विशेषताएँ होती हैं। ऐसे में यदि आप स्वस्थ रहने के लिए अपने आहार में शामिल करने के लिए कोई स्वस्थ विकल्प तलाश रहे हैं, तो आप बाजरा या गेहूं को अपने आहार का हिस्सा बना सकते हैं, क्योंकि दोनों ही स्वास्थ्य के लिए लाभ वाला होते हैं।