ये छोटी आदतें बढ़ा सकती हैं डिमेंशिया का खतरा
डिमेंशिया एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल परेशानी है जो सोचने, याददाश्त और समझने की क्षमता को कमजोर कर देती है। हालांकि उम्र बढ़ने के साथ इसका खतरा बढ़ जाता है, लेकिन कुछ ऐसी आदतें हैं, जो हमें प्रतिदिन अनजाने में करते हैं, जो डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
हिलना-डुलना न करना
पूरे दिन बैठे रहना न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है, बल्कि दिमाग के लिए भी घातक है। नियमित शारीरिक गतिविधि दिमाग के लिए महत्वपूर्ण खून के फ्लो को बढ़ाती है और नए न्यूरॉन्स के निर्माण को बढ़ावा देती है, जिससे डिमेंशिया का खतरा कम होता हैय हर रोज कम से कम 30 मिनट मध्यम-तीव्रता वाला व्यायाम, जैसे तेज चलना, तैराकी या साइकिलिंग करें।
नींद की कमी
नींद के दौरान हमारा दिमाग टॉक्सिंस को साफ करता है और स्वयं को ठीक करता है। पर्याप्त नींद न लेने से ये टॉक्सिंस जमा हो जाते हैं, जिससे ब्रेन सेल्स को हानि पहुंचता है और डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है। हर रात 7-8 घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद लें।
तनाव का मैनेज न करना
ज्यादा तनाव दिमाग के लिए नुकसानदायक है और डिमेंशिया के विकास के खतरे को बढ़ा सकता है। योग, ध्यान या अन्य आराम तकनीकों का अभ्यास करके अपने तनाव के स्तर को कम करें।
दिमाग को चुनौती न देना
रोजाना दिमाग को हल्का रखना अच्छा लगता है, लेकिन यदि आप हमेशा दिमाग को आराम देते रहेंगे तो यह धीमा पड़ने लगता है। नए कौशल सीखें, पहेलियां सुलझाएं, या अन्य दिमागी व्यायाम करें। दिमाग को चुनौती देना न केवल डिमेंशिया का जोखिम कम करता है, बल्कि आपकी याददाश्त और सोचने की क्षमता को भी बेहतर बनाता है।
अनहेल्दी डाइट
फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड और चीनी का अधिक सेवन दिमाग की स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। इन चीजों में पोषक तत्वों की कमी होती है और सूजन को बढ़ावा देते हैं, जो ब्रेन सेल्स को हानि पहुंचा सकता है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज और मछली जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें।
धूम्रपान और शराब का सेवन
धूम्रपान और शराब का सेवन ब्लड सेल्स को हानि पहुंचाता है और खून के फ्लो को कम करता है, जिससे दिमाग तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। इससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है। धूम्रपान और शराब का सेवन पूरी तरह से छोड़ दें या बहुत कम कर दें।