स्वास्थ्य

सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा…

Risk of Heart Attack in Winter: भयंकर सर्दियां अपने साथ कई दुश्वारियां लाती हैं अचानक तापमान गिरने से बॉडी के अंदरुनी अंगों पर जबर्दस्त प्रेशर पड़ता है इसमें कई अन्य परेशानियों के साथ ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है यह उन लोगों के लिए जानलेवा साबित हो जाता है जिन्हें पहले से हार्ट संबंधी जटिलताएं हैं कठिन यह है कि जब किसी को हार्ट संबंधी परेशानियां होती है तो इसका पता न के बराबर चलता है ऐसे में आदमी अंजान रहता है लेकिन इस चक्कर में मौसम का निर्दयी धावा हार्ट के लिए शत्रु बनने लगता है नतीजा हार्ट अटैक, स्ट्रोक या कार्डिएक अरेस्ट के रूप में सामने आने लगता है पिछले वर्ष इसी सर्द महीने में केवल कानपुर के अस्पतालों में कुछ ही दिनों के अंदर 98 लोगों की मृत्यु हार्ट अटैक से हो गई एक्सपर्ट के अनुसार इस वर्ष भी कोल्ड वेव बढ़ने के बाद हार्ट अटैक के रोगियों की संख्या में 20 से 25 प्रतिशत का बढ़ोत्तरी हुआ है ऐसे में युवाओं को भी सर्तक रहने की आवश्यकता है

सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट की परेशानी

फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट, नयी दिल्ली में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एग्जक्यूटिव डायरेक्टर डॉ अतुल माथुर ने कहा कि सर्दियों में आमतौर पर हार्ट से संबंधित दिक्कतें बढ़ती ही है इसके कई कारण होते हैं दरअसल, सर्दियों में तापमान में गिरावट के साथ ब्लड वैसल्स यानी खून की वाहिकाएं संकुचित होने लगती है इसे vasoconstriction कहते हैं एक तरह से शरीर में जो खून के रास्ते हैं उसकी दीवार सिकुड़ने लगती है इससे हाई ब्लड प्रेशर होने लगता है हाई ब्लड प्रेशर हार्ट की दीवार को भी प्रभावित करता है ठंड में हार्ट में स्पाज्म हो सकता है इसके साथ यदि आदमी को पहले से ही हार्ट संबंधी जटिलताएं हो तो कठिनाई और बढ़ जाती है

युवाओं में क्यों बढ़ रहा हार्ट अटैक

डॉ अतुल माथुर ने कहा कि युवाओं में हार्ट अटैक बढ़ने के भी कई कारण हैं दरअसल, आज तेजी से लोगों का लाइफस्टाइल बदल रहा है दफ्तरों में एक-दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ लगी रहती है, नाइट शिफ्ट भी लोगों को करना पड़ता है इन सबसे मेंटल स्ट्रेस काफी बढ़ रहा है मेंटल स्ट्रेस के कारण कॉर्टिसोल हार्मोन निकलता है जो अप्रत्यक्ष तौर पर हार्ट को प्रभावित करता है इन सबके अतिरिक्त जंक फूड, फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड, शराब, सिगरेट हार्ट पर और अधिक कठिनाई बढ़ाते हैं यही कारण है कि यंग एज में लोगों में हार्ट अटैक होने लगा है हालांकि हार्ट अटैक किस वजह से हुई है यह किसी रोगी का परीक्षण करने के बाद ही पता चल सकता है वैसे हार्ट अटैक का पहले से कोई लक्षण नहीं है, इसलिए जब कोई युवा मुश्किल मेहनत वाला कोई काम करता है या जिम में रहता है तब अचानक उसके हार्ट में ब्लॉकेज या क्लॉट हो सकता है या किसी को पहले से हार्ट संबंधी कोई कठिनाई है और उसे पता नहीं है तो इस स्थिति में हार्ट के मसल्स में स्पार्किंग का खतरा रहता है किसी को जन्म से कार्डियोमायोपैथी भी हो सकती है इन सबके कारण हार्ट अटैक का खतरा रहता है वहीं कोविड के बाद इस बात का भी अंदेशा है कि लोगों के हार्ट में वायरल इंफेक्शन हो गया है इससे मायोकाइटिस ( Myocarditis) कहते हैं

कोल्ड वेव में स्वयं को हार्ट अटैक से कैसे बचाएं

डॉ अतुल माथुर कहते हैं कि कोल्ड वेव में ऐसे भी हार्ट अटैक के खतरे से बचने का तरीका बिल्कुल सरल है बस इसे डेडिकेशन के साथ करने की आवश्यकता है सबसे पहले तो यदि परिवार में हार्ट अटैक का संबंध है तो नियमित रूप से इससे संबंधित जांच कराएं कम से कम हर हफ्ते बीपी चेक करें नियमित रूप से एक्सरसाइज करें हेल्दी फूड जिसमें कुदरती चीजें हों, जैसे कि साबुत अनाज, हरी पत्तीदार सब्जियां, ताजे फल हो, को शामिल करें पिज्जा, बर्गर, पैकेटबंद चीजों का सेवन न के बराबर करें प्रोसेस्ड फूड न खाएं मीठी चीजें भी कम से कम खाएं कोल्ड वेव में मॉर्निंग वॉक न करें इसके बजाय लंच करने से पहले एक घंटा वॉक कर लें यदि बाहर बहुत अधिक सर्दी है तो घर के अंदर ही फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं सिगरेट-शराब से दूर रहें और तनाव न लें तनाव है तो इस दूर करने के लिए मेडिटेशन या एक्सपर्ट से राय लें

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