चुकंदर और पालक का जूस रेगुलर पीने से जाने सेहत पर असर

Green Smoothies and Juices Damage Kidneys: सोशल मीडिया पर आजकल निःशुल्क ज्ञान के भरमार हैं। हर कोई सेल्फ हेल्थ गुरु बनकर यहां बैठे हैं और स्वयं को न्यूट्रिशनिस्ट बताकर हेल्थ पर लंबा-चौड़ा भाषण देते हैं। कौन वास्तविक है और कौन नकली, पता करना कठिनाई है। ऐसे में इन हेल्थ गुरुओं द्वारा आजकल लिवर डिटॉक्स जूस को काफी प्रचारित किया जा रहा है। लिवर डिटॉक्स को हरी पत्तीदार सब्जियां, चुकंदर, पालक, संतरे आदि के मिक्स जूस से बनाया जाता है। यानी एक तरफ फ्रूट जूस होता है दूसरी तरफ उसमें पालक, फूलगोभी जैसी हरी सब्जियों के जूस को भी मिला दिया जाता है। डॉक्टरों का बोलना है कि यह मिक्स जूस का डेडली कॉम्बिनेशन है क्योंकि एक तरफ फ्रूट में बहुत अधिक मात्रा में विटामिन सी होता है दूसरी तरफ पालक जैसी चीजों में ऑक्जेलिक एसिड होता है। इस दोनों के कॉम्बिनेशन से विटामिन सी ऑक्जिलेट अधिक बनाने लगता है जो किडनी को डैमेज करने लगता है।
डिटॉक्स जूस से प्रभावित होकर लोग वॉक कर जब निकलते हैं तो रोज सुबह चुकंदर, हरी पत्तियां और संतरे वाले मिक्स जूस का सेवन करने लगते हैं। यदि आप भी ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि डॉक्टरों के अनुसार अधिक विटामिन सी वाले फूड और अधिक ऑक्सीलेट वाले फूड का एक साथ अधिक सेवन करने से किडनी डैमेज हो सकता है।
रंगीन हरी सब्जियों के साथ फ्रूट जूस का डेडली कॉम्बिनेशन
दरअसल, हरी पत्तियों में ऑक्सीलेट की मात्रा अधिक होती है और साइट्रस फ्रूट में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है। यह जब दोनों एक साथ पेट में जाता है तो विटामिन सी ऑक्सीलेट को एब्जोर्ब कर लेता है और छोटे-छोटे क्रिस्टल के रूप में किडनी में जमा होने लगता है। ये क्रिस्टल किडनी में जाकर किडनी के फंक्शन को ही खराब करने लगते हैं। ट्विटर पर लिवर रोग जानकार चिकित्सक एबे फिलिप्स ने लोगों को हिदायत देते हुए बोला है कि इस तरह के रंगीन सब्जियों के साथ फ्रूट जूस का सेवन एकदम न करें। खासकर उन लोगों को तो एकदम नहीं करना चाहिए जिन्हें पहले से लिवर की रोग है। डाक्टर फिलिप्स ने बोला कि आंवला, चुकंदर, पालक, और अन्य हरी पत्तियों के साथ फ्रूट जूस का सेवन आजकल नया ट्रेंड बन गया। इसे सोशल मीडिया और व्हाट्स एप के चिकित्सक धड़ल्ले से प्रचारित कर रहे हैं। लेकिन आप ऐसा मत कीजिए। यदि करेंगे तो ऑक्जिलेट किडनी इंज्युरी हो जाएगी जिसे ठीक होने में लंबा समय लगेगा।
साइड इफेक्ट के ये हैं संकेत
टीओआई की समाचार में भारतीय स्पाइनल इंज्यूरी सेंटर सीनियर कंसल्टेंट और किडनी ट्रांसप्लांट फिजिशियन डाक्टर राजेश गोयल के हवाले से बताया गया कि विटामिन सी से भरपूर फूड और ऑक्सीलेट वाले फूड को एक साथ लेने से किडनी डैमेज करने लगता है। उन्होंने बोला कि चुकंदर और पालक का जूस विटामिन सी और ऑक्सीलेट फूड का उदाहरण है। इसे एक साथ पीने के बाद शरीर में विटामिन सी ऑक्सीलेट को एब्जोर्ब करने लगेगा। यही कारण है कि ऑक्सीलेट वाले फूड को कम मात्रा में लेने की राय दी जाती है। वहीं ऑक्सीलेट फूड को विटामिन सी वाले फूड के साथ न लेने की राय दी जाती है। जब ऑक्सीलेट को अधिक मात्रा में लिया जाएगा तो शरीर में यह क्रिस्टल के रूप में बनने लगेगा और यह किडनी में जमा होने लगेगा। यानी किडनी में स्टोन होने लगेगा जो किडनी को स्थायी रूप से भी डैमेज कर सकता है। हालांकि हर आदमी में ऑक्सीलेट की भिन्न-भिन्न प्रतिक्रिया होती है। यह काफी कुछ आदमी की उम्र, हेल्थ और जीन पर निर्भर करता है। डाक्टर राजेश गोयल ने बोला कि यदि कोई सुबह में वॉक करने के बाद चुकंदर और पालक का जूस रेगुलर पीता हो तो उसे यह खतरा हो सकता है। यदि ऐसे आदमी को रीढ़ के नीचे पेन, पेशाब करने में परेशानी और पेशाब में खून आता है तो तुरंत चिकित्सक से राय लेनी चाहिए। आरंभ में ऑक्सीलेट किडनी डैमेज को दवा से ठीक किया जा सकता है लेकिन गंभीर स्थिति होने पर सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए देर न करें, तुरंत चिकित्सक के पास जाएं।
क्या है ठीक मात्रा
फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल ओखला में नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट के प्रिंसपल डायरेक्टर डाक्टर संजीव गुलाटी ने बताया कि यदि कोई आदमी चुकंदर, हरी पत्तीदार सब्जियां और साइट्रस फ्रूट के जूस को दो लीटर तक प्रतिदिन पी लेता है तो कुछ ही दिनों में कठिनाई दिखने लगेगी। उन्होंने बताया कि यदि कोई आदमी हेल्दी है तो प्रतिदिन एक गिलास तक इस तरह का जूस पिएं तो खास हानि नहीं होगा लेकिन किडनी या लिवर जैसी रोंगों से जूझ रहे लोग यदि एक गिलास भी पिएं तो उन्हें हानि हो सकता है। उन्होंने बोला कि इस तरह के जूस में न केवल ऑक्सीलेट बढ़ने का खतरा रहता है बल्कि पोटैशियम और फॉस्फोरस भी बढ़ने का जोखिम रहता है जिससे कई तरह की परेशानियां हो सकती है। डाक्टर गुलाटी ने बोला कि सोशल मीडिया पर फैल रहे अवैज्ञानिक, बिना जांच परख और बिना किसी तर्क के जो ज्ञान दिए जाते हैं, उन्हें कभी भी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।