कोरोना वैक्सीन के बाद इन ब्लड ग्रुप वालों को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा होता है ज्यादा
एक नए शोध में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि हिंदुस्तान में दिए जाने वाले कोविशील्ड टीके (ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका) के बाद ब्लड ग्रुप O वालों को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। शोधकर्ताओं का बोलना है कि ब्लड ग्रुप O वालों में टीके के बाद ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा 43% है, जबकि बाकी ब्लड ग्रुप वालों में यह केवल 17% है। यह शोध रॉयल सोसाइटी ऑफ मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसमें 523 ब्रेन स्ट्रोक रोगियों का डेटा शामिल है।
अध्ययन में से 82 रोगियों को कोविशील्ड का टीका लगने के 28 दिनों के अंदर ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। शोध में पाया गया कि टीके के बाद ब्रेन स्ट्रोक का सामना करने वाले रोगियों में 43% ब्लड ग्रुप O वाले थे, जबकि बाकी रोगियों में से 71% ब्लड ग्रुप A वाले थे। शोधकर्ताओं का मानना है कि ब्लड ग्रुप O वालों के खून में थक्के बनने की आसार अधिक होती है, जिससे टीके के बाद ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, उन्होंने यह भी बोला कि ब्रेन स्ट्रोक के लिए उत्तरदायी कारकों में केवल ब्लड ग्रुप शामिल नहीं है, बल्कि अन्य जोखिम वाले कारक भी शामिल हो सकते हैं।
लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पंकज शर्मा ने कहा कि हमारे अध्ययन से पता चलता है कि एक साधारण ब्लड ग्रुप टेस्ट के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि किन्हें कोविशील्ड टीके के बाद ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक है। ब्लड ग्रुप O वालों में टीके के बाद ब्रेन स्ट्रोक का खतरा ढाई गुना अधिक होता है। ऐसे लोगों की पहचान करने से सरकारों को इस टीके के इस्तेमाल के बारे में बेहतर निर्णय लेने में सहायता मिल सकती है। खासकर कम और मध्यम आय वाले राष्ट्रों में, जहां सस्ते और सरलता से परिवहन योग्य टीके अधिक लाभ वाला साबित हो सकते हैं।
हालांकि, यह शोध अभी प्रारंभिक स्तर पर है और इस पर और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। जानकारों का बोलना है कि Covid-19 से बचने के लिए टीकाकरण अभी भी सबसे कारगर तरीका है और ब्लड ग्रुप के आधार पर टीकाकरण से बचना ठीक नहीं होगा।