क्या हेयर ट्रांसप्लांट कराने से हो सकता है कैंसर…
हाल ही में हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़े कई ऐसे मुद्दे सामने आए हैं, जिनमें लोगों की मृत्यु हो गई है. यह मौत रेट कई लोगों में हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर गंभीर चिंता का कारण बन सकती है.
हाल ही में हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़े कई ऐसे मुद्दे सामने आए हैं, जिनमें लोगों की मृत्यु हो गई है. यह मौत रेट कई लोगों में हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर गंभीर चिंता का कारण बन सकती है.
गंजेपन की बढ़ती परेशानी से बचने के लिए लोग तेजी से हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी की ओर भाग रहे हैं. खराब जीवनशैली और कई कारणों से आजकल कम उम्र में ही लोगों के बाल झड़ने लगते हैं. हिंदुस्तान में ज्यादातर लोग गंजेपन की परेशानी से जूझ रहे हैं.
जैसे बाल झड़ते हैं, वैसे ही आत्मविश्वास भी गिरता है. कई लोग गंजेपन के कारण लोगों से मिलने में भी झिझकते हैं. इस झिझक से छुटकारा पाने के लिए कई लोग हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी कराने का निर्णय लेते हैं. हालाँकि, हाल के दिनों में हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़े कई ऐसे मुद्दे सामने आए हैं, जिनमें लोगों की मृत्यु हो गई है. इन मौतों के कारण कई लोगों में हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो रही है.
यहां तक कि जो लोग हेयर ट्रांसप्लांट पर विश्वास करते हैं वे भी शक से घिरे रहते हैं. जबकि हेयर ट्रांसप्लांट एक आसान और सुरक्षित प्रक्रिया है. हालाँकि, हर सर्जरी की तरह, हेयर ट्रांसप्लांट के लिए भी एक जानकार की जरूरत होती है. इस प्रक्रिया में आदमी के अपने ही बालों को प्रत्यारोपित किया जाता है. गंजे आदमी के सिर के पीछे बाल बरकरार रहते हैं.
सिर का पिछला हिस्सा आमतौर पर कभी भी पूरी तरह गंजा नहीं होता. सिर के इस हिस्से को ‘दाता क्षेत्र’ भी बोला जाता है. जब हेयर ट्रांसप्लांट किया जाता है, तो बालों को सिर के पीछे या किनारे से लिया जाता है और गंजे जगह पर प्रत्यारोपित किया जाता है.
हालाँकि, यदि सिर के पीछे या किनारों पर बाल नहीं हैं, तो शरीर के बालों का इस्तेमाल किया जाता है. इस प्रक्रिया में लोगों की दाढ़ी, छाती, पेट के बाल या यहां तक कि प्यूबिक बाल का भी इस्तेमाल किया जाता है. बॉडी हेयर ट्रांसप्लांट के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि सर्जन इस काम में जानकार होना चाहिए और क्लिनिक बेहतर होना चाहिए.
हेयर ट्रांसप्लांट के बारे में मिथक मिथक-1 हेयर ट्रांसप्लांट से कैंसर हो सकता है और आंखों को हानि पहुंच सकता है या मस्तिष्क के कुछ हिस्से को हानि पहुंच सकता है. मिथक-2 हेयर ट्रांसप्लांट एक बहुत ही भयावह प्रक्रिया है. मिथक-3 हेयर ट्रांसप्लांट बहुत कृत्रिम है. मिथक-4 हेयर ट्रांसप्लांट करता है लंबे समय तक नहीं टिकता. मिथक-5 सिर्फ़ पुरुष ही ट्रांसप्लांट करा सकते हैं. मिथक-6 सिर्फ़ अमीर लोग ही हेयर ट्रांसप्लांट करा सकते हैं.
उपरोक्त सभी मिथक गलत हैं, जो हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर अक्सर लोगों के मन में चलते हैं. इससे न तो कैंसर होता है और न ही यह कोई भयावह प्रक्रिया है. यदि हेयर ट्रांसप्लांट अच्छी स्थान से कराया जाए तो यह लंबे समय तक चलता है. मर्दों के साथ महिलाएं भी हेयर ट्रांसप्लांट करा सकती हैं. यह दोनों के लिए सुरक्षित है. हेयर ट्रांसप्लांट के रिज़ल्ट तुरंत मौजूद नहीं होते हैं. नतीजे दिखने में 10-12 महीने लग सकते हैं. ध्यान रखें कि कोई भी हेयर ट्रांसप्लांट आपको वह घनत्व नहीं दे सकता जो आपको प्राकृतिक रूप से मिला था.