गठिया के दर्द से छुटकारा पाने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया समाधान
Arthritis Treatment: गठिया की रोग जो हमारे शरीर की हड्डियों से जुड़ी होती है और एक बार किसी को हो जाए, तो लाइफ भयावह हो सकती है, लेकिन, आपने कभी सोचा है कि ये रोग क्या है और क्यों हो जाती है? असल में, गठिया की रोग के पीछे की सबसे बड़ी वजह है आपका इम्यून सिस्टम आपके ही विरुद्ध हो जाता है यानी कि शरीर को हानि करने लगता है और यदि यह रोग हो जाती है, तो कैसे इसका निदान हो सकता है और कैसे इसे रोक सकते हैं।
जरा सोचिए यदि आपको गठिया की परेशानी है और हर सुबह दर्द के साथ उठना पड़ता है, तो जाहिर सी बात है आप उठने से पहले कम से कम हजार बार सोचेंगे, क्योंकि एक तरह से घुटनों में असहनीय दर्द और धीरे-धीरे विकलांगता का कारण बन सकता है और इस रोग से लाखों लोग पूरे विश्व में पीड़ित हैं। खासतौर पर हमारे बड़े-बुजुर्गों को काफी कठिनाई आती है, क्योंकि उनकी उम्र ऐसी होती है, जिसमें उपचार तो करा लें पर सर्जरी के बारे में सोचकर ही डर लगने लगता है कि कहीं कोई नयी परेशानी खड़ी न हो जाए, जिसका निवारण हो पाना कठिन होता है, क्योंकि बुढ़ापे में उनके लिए यह एक अभिन्न अंग है।
कई लोग अक्सर यह सोचकर रह जाते हैं कि “गठिया” का कोई निदान नहीं है। गठिया एक नॉर्मल वर्ड है, जो 100 से अधिक रोंगों और उससे जुड़ी स्थितियों को कवर करता है। यह जान लेना कि आपको किस तरह का गठिया या संबंधित स्थिति है, आपके लिए ठीक उपचार और मैनेज करने में पहला कदम है।
दूसरी ओर, कभी-कभी या हल्के जोड़ों के दर्द के लिए किसी स्पेशल या तुरंत चिकित्सक के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, अपने जॉइंट्स हेल्थ और सामान्य रूप से गठिया के खतरे के बारे में चिकित्सक से बात करना ठीक रहता है। आजकल मेडिकल फील्ड में इतनी नई-नई टेक्नोलॉजी आ गई है कि किसी भी रोग से निपटने में सहायता मिल सकती है। ऐसे ही कई सारे गठिया से जुड़े प्रश्नों से लेकर इसके निदान के बारे में Dr. Anant Kumar Tiwari, (Professor and Head Joint Replacement Centre, Sir Ganga Ram hospital, New Delhi) ने कई अहम जानकारियां हमारे साथ साझा की-
डॉक्टर अनंत कुमार तिवारी के अनुसार, गठिया एक ऐसी परेशानी है, जिससे बढ़ती उम्र के लोग पीड़ित रहते हैं और खासकर सर्दियों में यह परेशानी अधिक होती है, लेकिन अब इसके लिए भी ज्वाइंट रिप्लेसमेंट कर सकते हैं और इस रोग से छुटकारा पा सकते हैं। इस उम्र में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और दिल की रोग जैसी समस्याएं बहुत आम है और ये समस्याएं समय के साथ-साथ और भी बदतर हो जाती हैं, जिससे बुजुर्गों को अधिक कठिनाई होती है।
कई लोग ज्वाइंट रिप्लेसमेंट कराने से डरते हैं, वो सोचते हैं कि बढ़ती उम्र में बुजुर्गों को कहीं अधिक कठिनाई न हो जाए, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। गठिया के कारण होने वाले दर्द के वे दिन अब पुराने हो चले हैं। यदि रोग के बारे में रोगी अच्छी जानकारी, टेक्नोलॉजी और ट्रांसप्लांट में हालिया प्रोग्रेस के साथ, जोड़ों, विशेष रूप से घुटनों पर सावधानीपूर्वक की गई रिप्लेसमेंट प्रोसेस से दर्द और विकलांगता लगभग शून्य हो सकती है और रोगी को फिर से सामान्य जीवन में वापस लाया जा सकता है। जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए उम्र कोई रुकावट नहीं है, यह बीमार की नॉर्मल कंडीशन लाइफ एक्सपेक्टेंसी है जो जरूरी है।
आर्थराइटिस दो टाइप की होती है
- एज के हिसाब से जोड़ो में जब घिसाव होने लगता है, जैसे की हिप ज्वाइन( Hip Join), हाथों के जॉइंट्स जो 50 की उम्र के बाद होने लगते है।
- जोड़ों में सूजन आना या फिर स्टिफनेस लगना जिसे इन्फ्लेमेटरी अर्थराइटिस ( Inflammatory Arthritis) बोला जाता है।