कैंसर पूरे विश्व में मौत के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है, जिसके कारण हर वर्ष लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है। वैसे तो कैंसर का जोखिम शरीर के कई अंगों में हो सकता है, पर लंग्स यानी फेफड़ों के कैंसर के मुद्दे पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ते हुए रिपोर्ट किए गए हैं।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की रिपोर्ट के अनुसार अकेले यूएस में वर्ष 2023 में फेफड़ों के कैंसर के लगभग 238,340 नए मुद्दे (पुरुषों में 117,550 और स्त्रियों में 120,790) दर्ज किए गए। इस कैंसर के कारण 1.27 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु भी हो गई। लंग्स कैंसर के जोखिम को देखते हुए लोगों में जागरूकता बढ़ाने और बचाव के तरीकों को लेकर शिक्षित करने के उद्देश्य से नवंबर माह को ‘लंग्स कैंसर अवेयरनेस मंथ’ के रूप में मनाया जाता है।
स्वास्थ्य जानकार कहते हैं, लाइफस्टाइल में गड़बड़ी के कारण फेफड़ों में कैंसर विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है। कुछ जोखिम कारक आपके लिए भी दिक्कतों को बढ़ाने वाले हो सकते हैं, जिनपर गंभीरता से ध्यान दिया जाना महत्वपूर्ण है।
फेफड़ों में कैंसर की समस्या
फेफड़े, शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए महत्वपूर्ण अंग हैं। इसमें कैंसर की स्थिति में आपके फेफड़ों में अनियंत्रित रूप से कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं। क्षतिग्रस्त कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होकर ट्यूमर बना सकती हैं। इस कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर फेफड़े और सांस की अन्य समस्याओं से मिलते-जुलते हो सकते हैं, जिसके कारण लोगों के लिए इसे पहचान पाना मुश्किल हो सकता है।
स्वास्थ्य जानकार कहते हैं, जीवनशैली की दो आदतों को इस कैंसर का प्रमुख कारक माना जाता है, यदि आपमें भी ये आदतें हैं तो तुरंत सावधान हो जाइए।
धूम्रपान, लंग्स कैंसर का प्रमुख कारण
डॉक्टर कहते हैं, जो लोग धूम्रपान करते हैं उनमें फेफड़ों के कैंसर का खतरा सबसे अधिक होता है, हालांकि कैंसर उन लोगों में भी हो सकता है जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया है। यदि आप धूम्रपान छोड़ देते हैं, तो इस कैंसर के विकास की संभावना को कम भी किया जा सकता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में, फेफड़ों के कैंसर से होने वाली लगभग 80-90% मौतों का कारण सिगरेट पीना है। अन्य तम्बाकू उत्पादों जैसे सिगार या पाइप का इस्तेमाल करने से भी कैंसर का खतरा हो सकता है।
धूम्रपान के धुएं के संपर्क में आना भी खतरनाक
धूम्रपान, लंग्स कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता है। हालांकि जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं, घर या काम पर धूम्रपान से निकलने वाले धुएं के संपर्क में आते हैं, उनमें भी इस कैंसर के विकसित होने का जोखिम हो सकता है। सेकेंडहैंड स्मोकिंग के कारण भी फेफड़ों के कैंसर के मुद्दे काफी बढ़े हैं।
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (एनसीआई) की रिपोर्ट के अनुसार धूम्रपान, मर्दों में फेफड़ों के कैंसर के 10 में से नौ मामलों और स्त्रियों में 10 में से आठ मामलों का कारण बनता है।
फेफड़ों के कैंसर से कैसे बचें
फेफड़ों के कैंसर को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर आप इसके खतरे को कम जरूर कर सकते हैं।
धूम्रपान एकदम न करें, न ही सेकेंडहैंड धूम्रपान के संपर्क में आएं।
फलों और सब्जियों से भरपूर आहार लें।
सप्ताह में कम से 150 मिनट के व्यायाम का लक्ष्य रखें।
फेफड़ों में कुछ परेशानी बनी हुई है तो समय रहते चिकित्सक से मिलकर इसकी जांच जरूर कराएं।