पीरियड्स के दौरान हो रही हैं मॉर्निंग सिकनेस की समस्या, तो इस बात का रखें ध्यान
गर्भावस्था के कारण होने वाली मॉर्निंग सिकनेस और उल्टी गर्भावस्था से जुड़ी आम समस्याएं हैं। कुछ मामलों में, जैसे यदि गर्भ में जुड़वाँ बच्चे पल रहे हों, माँ मधुमेह से पीड़ित हो, या माँ का थायराइड बढ़ा हुआ हो, ये सभी भी गंभीर मॉर्निंग सिकनेस का कारण हो सकते हैं। इन लोगों को दिन में दो से तीन बार से अधिक उल्टी हो सकती है। यदि आप मॉर्निंग सिकनेस से बहुत चिंतित हैं, तो आप अपने चिकित्सक के निर्देशानुसार उल्टी को नियंत्रित करने के लिए दवा ले सकते हैं। इसके अलावा, जीवनशैली में कुछ बदलावों से भी मॉर्निंग सिकनेस को नियंत्रित किया जा सकता है। एक बार में बहुत सारा खाना खाने की बजाय बार-बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाना खाएं। ऐसे खाद्य पदार्थ खाने से बचें जो अत्यधिक उल्टी का कारण बनते हैं। ऐसी चीजें खाएं या पिएं जिनका स्वाद नींबू या संतरे जैसा हो। कई लोगों को लिम्का में नींबू और थोड़ा सा काला नमक मिलाकर पीने से भी राहत मिलती है। आप अपने मुंह में पाचक गोली या टाफी रखकर भी बार-बार होने वाली उल्टी को रोक सकते हैं। यदि इन सबसे राहत नहीं मिलती है और दिन में तीन बार से अधिक उल्टी होती है, तो अपने महिला बीमारी जानकार से परामर्श लें।
यदि प्रीमेनोपॉज़ल बदलाव होते हैं, तो मासिक धर्म में बदलाव भी इसके कारण हो सकता है। 40 की उम्र में अक्सर किसी न किसी परेशानी के कारण मासिक धर्म अनियमित हो जाता है। इसलिए सबसे पहले सभी जरूरी परीक्षण कराकर किसी भी प्रकार की परेशानी की आसार को समाप्त कर दें और फिर अपने चिकित्सक की राय के मुताबिक दवाएं लें ताकि आपका मासिक धर्म समय पर आए और मासिक धर्म चक्र लंबा न हो। यदि किसी स्वास्थ्य परेशानी के कारण मासिक धर्म अनियमित नहीं है और परिवार में रजोनिवृत्ति से पहले का इतिहास है, तो यह एक शारीरिक बदलाव है और सब कुछ धीरे-धीरे शांत हो जाएगा। लेकिन, यदि अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो रहा है, तो आपको चिकित्सक से परामर्श करने की जरूरत है।
पैप परीक्षण दर्द रहित है और शारीरिक रूप से एक्टिव लोगों को हर पांच वर्ष में यह परीक्षण कराने की राय दी जाती है। यदि कोई असामान्यताएं हैं, तो थोड़े-थोड़े अंतराल पर परीक्षण कराने की भी राय दी जा सकती है। आमतौर पर 35 वर्ष की उम्र के बाद यह टेस्ट कराने की राय दी जाती है। यदि आपके चिकित्सक ने आपको किसी असामान्यता के कारण 25 वर्ष की उम्र में यह टेस्ट कराने की राय दी है, तो आपको ऐसा करने में संकोच करने की आवश्यकता नहीं है।