अब शराब न पीने वाले लोग भी हो रहे हैं इस बीमारी का शिकार
फैटी लिवर: डायबिटीज, दिल बीमारी और कैंसर की तरह अब फैटी लिवर की रोग भी बढ़ती जा रही है। यह बीमारी लीवर पर अधिक वसा जमा होने के कारण होता है।
कुछ वर्ष पहले तक इस रोग के मुद्दे शराब पीने वाले लोगों में अधिक होते थे, लेकिन अब शराब न पीने वाले लोग भी फैटी लीवर का शिकार हो रहे हैं। इस रोग के कुल मामलों में से 20 से 30 प्रतिशत मुद्दे शराब न पीने वालों के हैं। इस बीच प्रश्न यह भी उठता है कि शराब न पीने के बावजूद लोग इस रोग का शिकार क्यों हो रहे हैं।
डॉक्टरों का बोलना है कि फैटी लीवर बीमारी एक साइलेंट किलर है। यह रोग धीरे-धीरे शरीर में बढ़ती है और लिवर को पूरी तरह से निष्क्रिय कर देती है। इस रोग के कारण लिवर ट्रांसप्लांट की भी आवश्यकता पड़ती है। चिंता की बात यह है कि शराब न पीने वालों में भी फैटी लीवर के मुद्दे बढ़ रहे हैं। इसे नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर बोला जाता है। पिछले पांच वर्षों से इसके मुद्दे बढ़ते ही जा रहे हैं।
स्वास्थ्य जानकारों का बोलना है कि गलत खान-पान के कारण लिवर खराब हो जाता है। पिछले कुछ वर्षों में फास्ट फूड खाने का चलन काफी बढ़ गया है। डाइट में मैदा से बना खाना भी शामिल किया जाता है, जो सीधे तौर पर लिवर को हानि पहुंचाता है और फैटी लिवर का कारण बनता है।
मोटापा भी फैटी लीवर का एक प्रमुख कारण है। जैसे-जैसे मोटापा बढ़ता है, वैसे-वैसे लीवर पर चर्बी भी बढ़ती है। कुछ मामलों में फैटी लिवर की रोग मधुमेह के मरीजों में भी पाई जाती है। इनमें कई ऐसे भी मुद्दे हैं जिन्होंने कभी शराब नहीं पी है। 20 से 30 फीसदी मामलों में, गैर-शराब पीने वालों में फैटी लीवर विकसित होता है।
स्वास्थ्य जानकारों के मुताबिक, खराब जीवनशैली के कारण भी फैटी लिवर की रोग बढ़ रही है। अब लोगों में फिजिकल एक्टिविटी कम हो गई है। इससे मोटापा बढ़ रहा है, जिसका असर लिवर की स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। अब हालात पहले से भी बदतर होते जा रहे हैं। फैटी लिवर की परेशानी 25 से 30 वर्ष की उम्र में होना आम बात है। आने वाले सालों में यह रोग तेजी से बढ़ने की संभावना है।
फैटी लीवर को कैसे रोकें – हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाएं। इसके अतिरिक्त मोटापे को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करें। और स्वयं को फास्ट फूड से दूर रखें।