कई बीमारियों को दूर करने में मदद करती है ये आयुर्वेदिक औषधि
आयुर्वेद में बताए गए औषधीय पौधों एवं मसालों में हल्दी का एक अहम जगह है। यह एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो कई रोंगों को दूर करने में सहायक है। हल्दी की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मियों में इसका इस्तेमाल कम किया जाता है। हालांकि कुछ रोगों में गर्मियों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। वहीं यदि बात की जाए सर्दियों की तो, सर्दियों में इसका इस्तेमाल कई गुना बढ़ जाता है।
आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे समेत अन्य जानकारों की माने तो यह एक सुपर हेल्दी मसाला है, जो आपको कई लाभ दे सकता है। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। हल्दी का इस्तेमाल गठिया, मधुमेह, त्वचा के रोग, हाथ-पैर फटना, टॉन्सिल, बीमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, चोट लगने, दांत दर्द, खुजली और चेचक तक में किया जाता है।
मधुमेह और त्वचा संबंधी सभी रोगों में ऐसे करें इस्तेमाल
आयुर्वेदाचार्य की माने तो मधुमेह में बार-बार हो रहे पेशाब से राहत के लिए 1 चम्मच पिसी हुई हल्दी को फांककर पानी पीने से बीमार को आराम मिलता है। इसके आलावा 8 ग्राम पिसी हुई हल्दी प्रतिदिन दो बार पानी के साथ फंकी के रूप में लेने से भी बार-बार और अधिक मात्रा में पेशाब का आना, अधिक प्यास लगना आदि से आराम मिलता है।
यदि आप चर्म बीमारी से ग्रसित हैं, तो हल्दी को पीसकर तिल के ऑयल में मिलाकर मालिश करें। इससे चर्म बीमारी समाप्त हो जाएगा। कच्चे दूध में पिसी हुई हल्दी मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से त्वचा मुलायम होती है। साथ में हाथ-पैर भी नहीं फटते हैं। इतना ही नहीं, चेहरे की झांइयां दूर करने के लिए 10-10 ग्राम हल्दी और तिल को पीसकर पानी में मिलाकर रात को सोते समय चेहरे पर लगाने और सुबह गर्म पानी से धो लेने से झांइयां दूर होती है, और चेहरा चमक उठता है।
शरीर की मजबूती और टूटी हड्डियों में इस्तेमाल
हल्दी का इस्तेमाल शरीर को मजबूत और बीमारी प्रतिरोधक क्षमता से भरपूर बनाता है। इसके लिए 500 ग्राम हल्दी की गांठ और एक किलो बुझा हुआ चूना लेकर इसको मिट्टी के बर्तन में डालकर, इसमें ऊपर से 2 लीटर पानी डाल लें। पानी डालते ही चूना पकने लगता है। जब यह ठंडा हो जाए तो बर्तन को ढककर रख दें। करीब 2 महीने बाद हल्दी की गांठों को निकालकर पीसकर चूर्ण बना लें।
अब हल्दी की गांठों के चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में लेकर 10 ग्राम शहद के साथ मिलाकर लगातार 4 महीने तक प्रतिदिन खाने से शरीर का खून साफ हो जाता है और इससे शरीर में भरपूर ताकत भी आती है। इसके अतिरिक्त चोट लगने और हड्डियों के टूटने पर भी दूध के साथ हल्दी का सेवन या फिर पेस्ट बनाकर लगाने, प्याज के पेस्ट एवं हल्दी चूर्ण को मिलाकर जख्म पर सेंकने या पट्टी बांधने से राहत मिलता है।
पेट दर्द, गठिया, खुजली और चेचक में भी कारगर
जानकारों की माने तो पेट दर्द, गठिया, खुजली और चेचक में भी हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। गैस की वजह से पेट में बहुत तेज दर्द की स्थिति में पिसी हुई हल्दी और सेंधा नमक 5-5 ग्राम की मात्रा में पानी से लें। गठिया बीमारी में हल्दी का लड्डू खाने से आराम मिलता है। इसके अतिरिक्त शरीर के पीले रंग के दाने जिसमें मवाद भरा हो और उसमें खुजली हो तो एक चम्मच हल्दी, एक कप गर्म दूध, चौथाई चम्मच देशी घी और स्वाद के लिए शक्कर डालकर सुबह-शाम पीने से फायदा मिलता है।