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ईरान के मशहूर रैपर को सजा-ए-मौत, जानें क्‍यों Toomaj Salehi पर भड़की सरकार

Rapper Toomaj Salehi: ईरान के प्रसिद्ध रैपर तुमाज सालेही (Toomaj Salehi) के गाने उनकी जान के शत्रु बन चुके हैं. आलम ये है कि ईरान गवर्नमेंट ने रैपर को सजा-ए-मौत का आदेश दे दिया है. कहा जाता है कि 33 वर्ष के रैपर तुमाज, महसा अमिनी की सजा को लेकर गाए रैप के बाद से चर्चा में आए थे. उन्होंने ईरानी गवर्नमेंट के विरोध में हो रहे प्रदर्शन का समर्थन किया. साथ ही गवर्नमेंट के विरुद्ध सड़क पर उतरकर गाने गाए थे. इसी इल्जाम में रैपर को ईरानी गवर्नमेंट ने गुनेहगार माने ते मृत्यु की सजा सुनाई है. रैपर के वकील का बोलना है कि तुमाज सालेही की मृत्यु की सजा के विरुद्ध वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.

कौन हैं रैपर तुमाज सालेही

33 वर्ष के तुमाज सालेही ईरान के प्रसिद्ध रैपर हैं. उनका जन्म 1990 में ईरान में हुआ है. रैपर को खासतौर पर सोशल इश्यू और ईरानी गवर्नमेंट की नीतियों के विरोध में लिखे गानों के लिए जाना जाता है. रैपर पर इल्जाम है कि उन्होंने वर्ष 2022 में ईरान में चल रहे विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया था. जब यह बात गवर्नमेंट के संज्ञान में आई तो उन्हें अरैस्ट कर लिया गया. वर्ष 2023 में रैपर को 6 वर्ष की कारावास की सजा सुनाई गई थी. हालांकि उच्चतम न्यायालय के निर्णय से रैपर मृत्यु की सजा से बच निकले थे. अब ईरानी न्यायपालिका ने तुमाज सालेही को गुनेहगार करार करते हुए मृत्यु की सजा सुनाई है.

क्यों सुनाई गई मृत्यु की सजा?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रैपर तुमाज सालेही पर ईरान गवर्नमेंट के विरुद्ध प्रचार करने, विरोध में गाने गाना और विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन देने का इल्जाम है. इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया पर असत्य फैलाने का इल्जाम भी है. बोला जाता है कि 2022 में महासा अमिनी की मृत्यु के बाद पूरे ईरान राष्ट्र में विरोध प्रदर्शन चला था. इस प्रदर्शन को बाद में हिजाब पहनने वाली स्त्रियों के विरोध प्रदर्शन में बदल दिया गया था. वहीं रैपर ने इस प्रदर्शन का समर्थन किया था और गवर्नमेंट नीतियों के विरोध में गाने गाए थे.

जमकर हुआ था विरोध प्रदर्शन

गौरतलब है कि 16 सितंबर, 2022 में जब महासा अमिनी की मृत्यु हुई थी तो राष्ट्र में काफी प्रदर्शन प्रारम्भ हो गए थे. उस समय कई सुरक्षाकर्मियों की मृत्यु हो गई थी. ईरान गवर्नमेंट ने इस प्रदर्शन को दंगा घोषित कर दिया था. इसके बावजूद प्रदर्शन को विदेशों से समर्थन मिला था. हालांकि ईरानी गवर्नमेंट ने अत्याचार और मर्डर मुद्दे में करीब नौ लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी.

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