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ईरान ने ‘मोसाद’ के लिए काम करने के मामले में चार दोषियों को दिया मृत्युदंड

इजराइल ईरान को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है और ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए सेना कार्रवाई करने की धमकी देता रहा है. ईरान इस प्रकार के हथियार हासिल करने की प्रयास करने के दावों को खारिज करता आया है.

ईरान ने रक्षा मंत्रालय से जुड़ी एक फैक्टरी को निशाना बनाने का षड्यंत्र रचने और इजराइल की खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ के लिए काम करने के गुनेहगार चार लोगों को सोमवार को मृत्यु की सजा दी.
आधिकारिक ‘आईआरएनए’ समाचार एजेंसी ने कहा कि इन लोगों को 2022 में ईरान के रक्षा मंत्रालय से जुड़ी और इस्फहान शहर में मिसाइल और रक्षा उपकरणों से संबंधित एक फैक्टरी को निशाना बनाने का षड्यंत्र रचने का गुनेहगार ठहराया गया था.
इन चारों की पहचान मोहम्मद फरामरजी, मोहसिन मजलूम, वफा अजरबार और पेजमान फतेही के रूप में की गई है. ये चारों ईरानी नागरिक हैं. राष्ट्र के सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में एक अन्य न्यायालय द्वारा उन्हें सुनाई गई मृत्यु की सजा को बरकरार रखा था, जिसके बाद उन्हें मृत्युदंड दिया गया.

ईरान ने बोला कि उसके खुफिया कर्मियों ने 2022 में मोसाद से जुड़े एक ऐसे समूह को नष्ट किया, जिसने ईरान के भीतर आतंकी गतिविधियों की कथित रूप से षड्यंत्र रची थी. उसने बोला कि इस समूह के सभी सदस्यों को अरैस्ट कर लिया गया था और बड़ी मात्रा में हथियार एवं विस्फोटक बरामद किए गए थे.

ईरान मोसाद और अन्य पश्चिमी खुफिया सेवाओं के लिए जासूसी करने के मुद्दे में अपने नागरिकों की गिरफ्तारी, उनके विरुद्ध मुकदमे और उन्हें मृत्यु की सजा दिए जाने की जानकारी देता रहता है.

ईरान और इजराइल एक-दूसरे पर जासूसी करने और छद्म युद्ध छेड़ने का इल्जाम लगाते रहे हैं. इजराइल ईरान को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है और ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए सेना कार्रवाई करने की धमकी देता रहा है. ईरान इस प्रकार के हथियार हासिल करने की प्रयास करने के दावों को खारिज करता आया है.

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