ईरान में पुरातत्वविदों को खुदाई के दौरान कुछ ऐसा मिला जिसे देख सभी हुए हैरान
लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। ईरान राष्ट्र जम्बूद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित है। 1935 तक ‘फारस’ के नाम से जाना जाने वाला राष्ट्र अब ईरान के नाम से जाना जाता है। तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक और तुर्की से घिरे इस राष्ट्र की राजधानी तेहरान है। यह राष्ट्र विवादों और गलत कारणों से सुर्खियों में है। लेकिन अब यहां से एक दंग कर देने वाला मुद्दा सामने आया है। दरअसल, ईरान में पुरातत्वविदों को खुदाई के दौरान कुछ ऐसा मिला है, जिसने सभी को दंग कर दिया है। आपको जानकर आश्चर्य होगी कि ईरान के एक ऐतिहासिक स्थल पर खुदाई के दौरान शोधकर्ताओं को एक प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं। पुरातत्वविदों को उत्तरपूर्वी ईरान में खुदाई के दौरान एक प्राचीन मंदिर के ये अवशेष मिले हैं, जो उनके मुताबिक ईरान के सबसे ताकतवर साम्राज्यों में से एक ससानिद साम्राज्य का है।
यह वाकई आश्चर्यजनक है कि एक मुसलमान राष्ट्र में एक प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं। यहां तक कि खोजकर्ताओं की टीम भी इन जीवाश्मों को पहली बार देखकर दंग रह गई थी। खुदाई कर रहे पुरातत्वविदों ने कहा कि यह खोज बहुत खास है। इसके जरिए प्राचीन ईरान के इतिहास में एक नया अध्याय उभर सकता है।
ईरानी स्थल पर खुदाई करने वाली टीम का हिस्सा रहे एक पुरातत्वविद् मीसम लब्बफ खानिकी ने सोमवार को बोला कि पुरातत्व विभाग पूर्वोत्तर ईरान के एक गांव के पास एक साइट की खुदाई कर रहा है। इस बीच, ससनीद साम्राज्य के अग्नि मंदिर के अवशेष मिले हैं।
इसके अतिरिक्त पुरातत्वविदों को प्राचीन चित्रों से संबंधित कुछ वस्तुएँ भी मिली हैं, जो बहुत ही रोचक हैं। लोग इन अवशेषों को देखकर बहुत दंग हैं। उत्खनन से ज्यामितीय पौधों से सजाए गए प्लास्टर के काम के कई बेहतरीन टुकड़ों का भी पता चला है। इन वस्तुओं को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस स्थान का धार्मिक और आर्थिक पहलू भी है।
पुरातत्वविद् मैसम लब्बफ खानिकी कहते हैं, साइट पर पाए गए सभी अवशेष एक नया अध्याय प्रारम्भ करने वाले हैं, जो ससानिद साम्राज्य के दौरान ईरानी कला के इतिहास का हिस्सा है। पुरातत्वविदों ने कहा कि अग्नि मंदिर में कभी हैपोस्टाइल हॉल रहा होगा और मंदिर के इस हॉल को तरह-तरह की नक्काशी से सजाया गया होगा।
ससनीद काल ईरानी इतिहास का एक विशेष भाग है। इस समय के दौरान पारसी वास्तुकला और कला को पुनर्जीवित किया गया। प्राचीन ईरान में ससनीद साम्राज्य के दौरान, पहलवी में सभी काम किए गए थे। वास्तव में, यह ससनीद साम्राज्य की भाषा थी, जिसका इस्तेमाल इस साम्राज्य से आने वाले सभी लोग करते थे।