एमवी केम प्लूटो पर हूती विद्रोहियों द्वारा ड्रोन हमले से बनाया गया निशाना
इज़राइल-हमास युद्ध एक क्षेत्रीय संकट में बढ़ने की ओर अग्रसर दिखाई दे रहा है. गाजा में युद्ध फैलने के संकेत हिंदुस्तान के तटों के करीब एक व्यापारिक जहाज पर हुए हमले के बाद महसूस किए जाने लगे हैं. इसके पीछे मध्य पूर्व में वर्चस्व की सदियों पुरानी लड़ाई है. इसे महज कोई संयोग नहीं बताया जा सकता कि 23 दिसंबर को एमवी केम प्लूटो पर हूती उपद्रवियों द्वारा ड्रोन हमले से निशाना बनाया गया. इसे भारतीय तट से लगभग 200 समुद्री मील दूरी पर निशाना बनाया गया. मालवाहक जहाज सऊदी अरब के अल जुबैल बंदरगाह से हिंदुस्तान के न्यू मैंगलोर बंदरगाह तक कच्चा ऑयल ले जा रहा था.
ब्लैक सी से रेड सी तक फैली जंग
25 दिसंबर की शाम क्रीमिया धामकों से दहल उठा. यूक्रेन ने रूस के नोवोचेरकास्क पर मिसाइल धावा किया. लेकिन 24 घंटे बाद 26 दिसंबर को ब्लैक सी से 2600 किलोमीटर दूर पुतिन ने अमेरिका के विरुद्ध सबसे बड़ा प्रॉक्सी वॉर फ्रंट खोल दिया. पुतिन की ये अमेरिका को सीधी चुनौती है. अमेरिकी जहाज पर लाल सागर में अब से पहले इतना बड़ा धावा नहीं हुआ था. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपने मित्र राष्ट्र ईरान के साथ मिलकर लाल सागर में अमेरिका के विरुद्ध बड़ा युद्ध छेड़ दिया है. यमन के सागर तट से हूती ने अमेरिकीन नेवल फ्रिल्ट को निशाना बनाकर हमले प्रारम्भ कर दिए. एमएससी यूनाइटेड मालवाहक जहाज पर धावा किया गया. हूती ने इस जहाज पर 5 मिसाइलों से धावा किया. इसके साथ ही हूती ने 12 ड्रोन अटैक भी किए. दरअसल, रूस ने अमेरिका के विरुद्ध युद्ध का बड़ा मोर्चा खोल दिया है. इसे पुतिन के ब्लैक सी हमले का प्रतिशोध बताया जा रहा है.
बढ़ता संघर्ष दुनिया को कैसे प्रभावित कर सकता है?
इस युद्ध के निहितार्थ संघर्ष के तात्कालिक रंगमंच तक सीमित नहीं हैं. अंतरराष्ट्रीय असर बहुत गहरे हैं, जिससे व्यापार और अंतरराष्ट्रीय कच्चे ऑयल की आपूर्ति बाधित होने की आसार है. हमलों ने कुछ माल वाहकों को अधिक किफायती स्वेज नहर मार्ग के बजाय अफ्रीका मार्ग लेने के लिए प्रेरित किया है. इससे अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला बाधित हो सकती है. दुनिया का 20% से अधिक कच्चा ऑयल पश्चिम एशिया से आता है, और क्षेत्र में संघर्ष से कच्चे ऑयल की कीमतें 150 $ प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं. अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए, वृद्धि से गैस की कीमतें 5 $ प्रति गैलन से ऊपर जा सकती हैं, मुद्रास्फीति में वृद्धि हो सकती है, और राष्ट्र को मंदी में डुबाने का जोखिम हो सकता है. तरराष्ट्रीय समुदाय चिंता के साथ देख रहा है क्योंकि मध्य पूर्व की स्थिरता दूरगामी आर्थिक और भू-राजनीतिक परिणामों की आसार के साथ अधर में लटकी हुई है. ऐसा होने का एक उदाहरण 23 दिसंबर को हिंदुस्तान की ओर जाने वाले एमवी केम प्लूटो पर हुए हमले में देखा गया, जो हिंदुस्तान के तट से बहुत दूर नहीं था.
इजरायल का बड़ा ऐलान
इजराइल ने घोषणा की है कि वह अब संयुक्त देश कर्मियों को स्वचालित रूप से वीजा नहीं देगा. इज़रायली गवर्नमेंट ने इल्जाम लगाया कि संयुक्त देश के कुछ कर्मचारी हमास के साथ सहभागी भागीदार थे. इसमें बोला गया है कि संयुक्त देश कर्मियों के आवेदनों पर अब मामला-दर-मामला आधार पर विचार किया जाएगा. इजरायली गवर्नमेंट के प्रवक्ता ने निर्णय की घोषणा करते हुए संयुक्त देश पर तीखा धावा बोला