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बांग्लादेश की प्रधान मंत्री और अवामी लीग प्रमुख शेख हसीना को पांचवें कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया…

ढाका बांग्लादेश की प्रधान मंत्री और अवामी लीग प्रमुख शेख हसीना को पांचवें कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया है हिंसा और मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के बहिष्कार के कारण हुए चुनाव में उनकी पार्टी को 50 फीसदी से अधिक वोट मिले हसीना (76) 2009 से सत्ता में हैं और उनकी पार्टी अवामी लीग ने दिसंबर 2018 में पिछला चुनाव भी जीता था यह पहले से ही तय बताया जा रहा था कि इस एकतरफा चुनाव में वह लगातार चौथी बार और कुल मिलाकर पांचवीं बार सत्ता में आएंगी

अगस्त 1975 में सेना ऑफिसरों द्वारा शेख मुजीबुर रहमान, उनकी पत्नी और उनके तीन बेटों की उनके घर में मर्डर कर दी गई थी उनकी बेटियां हसीना और रिहाना हमले में बच गईं क्योंकि वे विदेश में थीं बीएनपी ने 2014 के चुनावों का बहिष्कार किया था, लेकिन 2018 के चुनावों में भाग लिया प्रधानमंत्री हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग ने लगातार चौथी बार चुनाव जीता है, क्योंकि पूर्व पीएम खालिदा जिया (78) की पार्टी बीएनपी ने चुनावों का बहिष्कार किया है भ्रष्टाचार के इल्जाम में गुनेहगार ठहराए जाने के बाद खालिदा घर में नजरबंद हैं

देश में चुनाव लड़ रहे 27 सियासी दलों में विपक्षी जातीय पार्टी भी शामिल थी बाकी सत्तारूढ़ अवामी लीग के नेतृत्व वाले गठबंधन के सदस्य हैं, जिन्हें जानकारों ने ‘चुनावी समूह’ का घटक कहा है मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए 6 जनवरी सुबह 6 बजे से 8 जनवरी सुबह 6 बजे तक 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी आम स्ट्राइक का आह्वान किया है पार्टी का दावा है कि मौजूदा गवर्नमेंट के अनुसार कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा

मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अव्वल ने बोला कि शुरुआती अनुमान के अनुसार करीब 40 प्रतिशत वोटिंग हुई, लेकिन यह आंकड़ा बदल सकता है जबकि 2018 के आम चुनाव में कुल मिलाकर 80 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई थी चुनाव में काफी हद तक शांतिपूर्ण मतदान के बावजूद, ऑफिसरों और मीडिया ने शुक्रवार देर रात से राष्ट्र भर में कम से कम 18 स्थानों पर आगजनी की घटनाओं की सूचना दी, जिनमें से 10 ने मतदान केंद्रों को निशाना बनाया

अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादिर ने दावा किया कि लोगों ने वोट देकर बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी के चुनाव बहिष्कार को खारिज कर दिया है पूर्व पीएम खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बीएनपी ने रविवार को हुए आम चुनावों का बहिष्कार किया बीएनपी ने 2014 के चुनावों का बहिष्कार किया था लेकिन 2018 में चुनाव लड़ा इसके साथ ही 15 अन्य सियासी दलों ने भी चुनावों का बहिष्कार किया

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