ऑस्ट्रेलिया में मटर बराबर कैप्सूल खोने से क्यों मच गया हड़कंप...

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Australia Radioactive Capsule: ऑस्ट्रेलिया में एक मटर बराबर छोटा-सा कैप्सूल गुम हो गया, जिससे हर तरफ हड़कंप मच गया. इससे ऑस्ट्रेलियाई गवर्नमेंट अलर्ट मोड पर आ गई हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि दो सप्ताह पहले एक रेगिस्तानी खदान से पर्थ शहर को ले जाते समय कैप्सूल एक ट्रक से गिर गया था. दरअसल, कैप्सूल के खोने से प्रशासन से गवर्नमेंट तक परेशान इसलिए है, क्योंकि यह रेडियोएक्टिव कैप्सूल है और काफी खतरनाक है. कैप्सूल के गुम होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के फायर और इमरजेंसी सर्विसेज दिन-रात उसे ढूंढने की प्रयास कर रहे हैं.
कई दिन बीत जाने के बाद भी अब तक इसे ढूंढने में कामयाबी नहीं मिली है. 1400 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के दौरान कैप्सूल के कहीं बीच में गिरने की आसार है. यह रेडियोएक्टिव कैप्सूल एक गेज का हिस्सा है जिसका उपयोग आयरन ओर फ़ीड की डेन्सिटी को मापने के लिए किया जाता है. यह सीज़ियम-137 (Cs-137) से बना है, जो घातक मात्रा में रेएिडशन निकालता है. सीजियम-137 भी परमाणु रिएक्टरों और परमाणु हथियारों के परीक्षण में न्यूक्लियर फिजन प्रक्रियाओं के बाय-प्रोडक्टों में से एक है.
इस कैप्सूल में विकिरण उत्सर्जित करने की क्षमता है जो एक घंटे में 10 एक्स-रे प्राप्त करने के बराबर है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि रेडियोधर्मी कैप्सूल लंबे समय तक संपर्क में रहने से त्वचा में जलन पैदा कर सकता है जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. भले ही यह कैप्सूल साइज में काफी छोटा है, लेकिन इसके घातक होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह एक घंटे में दस एक्स-रे के बराबर रेडिएशन निकाल सकता है, जोकि लोगों के लिए काफी भयावह होगा. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कैप्सूल के लंबे समय तक संपर्क में रहने से त्वचा में जलन पैदा हो सकती है और इससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. कैप्सूल 6 मिलीमीटर व्यास और 8 मिमी लंबा है. वैज्ञानिकों का बोलना है कि यह गामा और बीटा किरणें दोनों उत्सर्जित करता है और इसके अंदर रेडियोएक्टिव सामग्री का आधा जीवन 30 साल है.
जानिए आखिर कब खोया?
दरअसल, 25 जनवरी को पता चला कि यह कैप्सूल कहीं खो गया है. इसे 12 जनवरी को पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया राज्य में एक खनन स्थल से एक ट्रक द्वारा रखा गया था. ट्रक 16 जनवरी को पर्थ में एक डिपो पर पहुंचा जहां निरीक्षण के बाद पता चला कि गेज टूटा हुआ था और कैप्सूल गायब था. ऑफिसरों को शक है कि ट्रक से कंपन के कारण पेच और बोल्ट ढीले हो गए, और गेज से रेडियोएक्टिव कैप्सूल पैकेज से बाहर गिर गया और फिर ट्रक से बाहर कहीं गिर गया. इस कैप्सूल के काफी छोटा होने की वजह से इसे ढूंढना काफी कठिनाई है. हालांकि, ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी में परमाणु भौतिकी और अनुप्रयोग विभाग चलाने वाले एंड्रयू स्टचबेरी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि कैप्सूल को खोजना असंभव नहीं है क्योंकि खोजकर्ता रेडिएशन डिटेक्टरों से लैस हैं.