अंतर्राष्ट्रीय

2024 में अमेरिका रचेगा इतिहास, जानें मिशन की प्राइवेट डिटेल

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO Chandrayaan-3 mission) चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर इतिहास रच चुका है इसरो ने दुनिया को बता दिया कि वो भी किसी से कम नहीं अब अमेरिकी की अंतरिक्ष एजेंसी नासा 2024 में चांद पर उतरने की तैयारी कर रही है 54 वर्ष बाद अमेरिका चांद पर अपना यान भेजने जा रहा है हालांकि यह मिशन पूरी तरह से प्राइवेट होगा इसमें इंसानों की स्थान मशीनरी को भेजा जाएगा नासा के साथ इस मिशन पर अमेरिकी कंपनी एस्ट्रोबोटिक है अंतरिक्ष यान को 24 दिसंबर के दिन लॉन्च किया जाएगा यदि सबकुछ ठीक रहा तो इसके जनवरी महीने में चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की आशा है ऐसा करते ही यह चांद पर उतरने वाला पहला निजी विमान होगा

इस बार नासा अमेरिका की निजी कंपनी एस्ट्रोबोटिक के साथ ऐसा कारनाम करने जा रही है जिसे आजतक कोई नहीं कर पाया है 24 दिसंबर को नासा और एस्ट्रोबोटिक कंपनी का पेरेग्रीन लूनर लैंडर लॉन्च किया जाएगा इसके फ्लोरिडा से यूनाइटेड लॉन्च एलायंस वल्कन सेंटौर रॉकेट से उड़ान भरने की आशा है एस्ट्रोबायोटिक द्वारा निर्मित लैंडर, चंद्रमा पर उतरने वाला दुनिया का पहला निजी अंतरिक्ष यान होगा यदि सबकुछ ठीक रहा तो यह 25 जनवरी 2024 को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा

रोवर में आदमी नहीं मशीनरी होगी
space.com ने नासा के हवाले से कहा कि इस मिशन में रोवर के अंदर कोई आदमी नहीं होगा बल्कि मशीनरी होगी एस्ट्रोबोटिक कंपनी का छह फुट ऊंचा रोवर चांद पर नासा के उपकरण लेकर जाएगा इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चांद के पर्यावरण का शोध करना है नासा पहली बार ऐसे मिशन को लीड कर रहा है, जो दुनिया में पहली बार किया जाएगा पहली बार कोई निजी कंपनी का रोवर चांद पर सॉफ्ट लैंडिग करेगा

54 वर्ष बाद चांद पर सॉफ्ट लैंडिग होगी
नासा का मिशन इस लिहाज से भी जरूरी है क्योंकि 1969 के बाद से नासा ने चांद पर किसी मिशन को नहीं भेजा है चांद पर पहला कदम नासा के वैज्ञानिक नील आर्मस्ट्रांग ने रखा था आज भी चांद पर उनके पैरों के निशान हैं चांद पर अभी तक चीन, रूस, अमेरिका और हिंदुस्तान ने ही कदम रखे हैं

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