पाकिस्तान सरकार का बड़ा फैसला,17 लाख अफगानी लौटेगे अपने घर
संयुक्त देश ने शनिवार को चेतावनी दी कि अफगानों को पाक से जबरन निर्वासित करने से परिवारों को अलग करने और नाबालिगों के निर्वासन सहित गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है। पाक ने हाल ही में राष्ट्र में गैरकानूनी रूप से रह रहे प्रवासियों पर कार्रवाई की घोषणा की, जिसमें 17 लाख अफगानी भी शामिल है। उन्हें सामूहिक गिरफ्तारी और निष्कासन से बचने के लिए 31 अक्टूबर तक अपने गृह राष्ट्रों में लौटने के लिए कहा। गवर्नमेंट अफ़गानों को निशाना बनाने से इनकार करती है और कहती है कि ध्यान उन लोगों पर है जो गैरकानूनी रूप से राष्ट्र में हैं, चाहे उनकी राष्ट्रीयता कुछ भी हो। इसमें बोला गया है कि वह एक हॉटलाइन स्थापित कर रहा है और ऐसे प्रवासियों के बारे में ऑफिसरों को सूचना देने वाले लोगों को पुरस्कार दे रहा है।
संयुक्त देश एजेंसियों ने बोला कि अफगानिस्तान कई अधिकारों की चुनौतियों के साथ गंभीर मानवीय संकट से गुजर रहा है, खासकर स्त्रियों और लड़कियों के लिए, जिन्हें तालिबान ने छठी कक्षा से आगे की शिक्षा, अधिकतर सार्वजनिक स्थानों और कई नौकरियों से प्रतिबंधित कर दिया है। इस तरह की योजनाओं का उन सभी लोगों पर गंभीर असर पड़ेगा जिन्हें राष्ट्र छोड़ने के लिए विवश किया गया है और लौटने पर गंभीर सुरक्षा जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने घरेलू नीतियों पर पाक के संप्रभु विशेषाधिकार को स्वीकार किया और बोला कि वे अफगान नागरिकों को दर्ज़ करने और प्रबंधित करने में सहायता करने के लिए तैयार हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की जरूरत हो सकती है। तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन और संयुक्त देश शरणार्थी एजेंसी ने राष्ट्रों से “अफगान नागरिकों की जबरन वापसी को निलंबित करने और राष्ट्र में किसी भी संभावित वापसी को सुरक्षित, सम्मानजनक और स्वैच्छिक ढंग से सुनिश्चित करने का आह्वान किया।