अंतर्राष्ट्रीय

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मार ली अपने पैरों पर ही कुल्हाड़ी

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने बोला कि जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता जिस तरह गिरी है और जिस तरह उनके राष्ट्र का ही मीडिया और सत्तारुढ़ गठबंधन के सांसदों के अतिरिक्त विपक्षी सांसदों की ओर से पीएम को घेरा जा रहा है उससे उन्हें समय पर ही चेत जाना चाहिए

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस हफ्ते हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि भारत-कनाडा संबंधों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आप कैसे देखते हैं? इसके उत्तर में उन्होंने बोला कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने जो कुछ किया है उससे उन्होंने अपने पैरों पर ही कुल्हाड़ी मार ली है उन्होंने बोला कि शायद कनाडा के पीएम को पता नहीं कि हिंदुस्तान आज कितनी बड़ी ताकत बन चुका है उन्होंने बोला कि हमारा कनाडा के साथ मात्र 8.4 बिलियन $ का व्यापार है जोकि कोई बहुत बड़ी बात नहीं है इसके प्रभावित होने से हिंदुस्तान को कोई फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि कनाडा को ही फर्क पड़ेगा उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान से आईटी और बैंकिंग पेशेवर कनाडा में बड़ी संख्या में जाते हैं जिन्होंने उस राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में सहयोग दिया है यदि वह नहीं जायेंगे तो कनाडा को ही हानि होगा उन्होंने बोला कि इसके अतिरिक्त लगभग साढ़े तीन लाख भारतीय विद्यार्थी वहां पढ़ते हैं और अनुमानतः प्रति आदमी विद्यार्थी लगभग 12 लाख रुपए सालाना खर्च वहां आता है यदि वह विद्यार्थी वहां से हट जायें तो कनाडा को काफी हानि होगा उन्होंने बोला कि बहुत से लोगों ने हिंदुस्तानियों के रहने के लिए जो किराये के घर बनाये हुए हैं वह यदि खाली हो गये तो कनाडा के पीएम के विरुद्ध वहां की जनता ही प्रदर्शन पर उतर आयेगी उन्होंने बोला कि 2015 में खशोगी प्रकरण में कनाडा ने सऊदी अरब के साथ संबंध बिगाड़े थे और राजनयिक संबंध समाप्त कर लिये थे उस समय सऊदी अरब के 15 हजार जो विद्यार्थी वहां पढ़ते थे उन्होंने राष्ट्र को छोड़ दिया था जिससे कनाडा को बड़ा हानि हुआ था उन्होंने बोला कि हिंदुस्तानियों की संख्या तो काफी है वहां जितने विदेशी विद्यार्थी पढ़ रहे हैं उसमें 40 फीसदी से अधिक भारतीय हैं उन्होंने बोला कि यही नहीं, अब जब जस्टिन ट्रूडो को होश आया तो उन्होंने सऊदी अरब के साथ राजनयिक संबंध दोबारा बहाल कर लिये हैं

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने बोला कि इसके अतिरिक्त हमें यह भी देखना चाहिए कि जस्टिन ट्रूडो के पिता भी इसी विचारधारा के थे और उनके कार्यकाल में ही खालिस्तानी गतिविधियां वहां पनपीं उन्होंने बोला कि कनिष्क विमान घटना के गुनेहगार को बचाने का काम वहां हुआ था, पीड़ितों को इन्साफ दिलाने की राह में बाधाएं पैदा की गयी थीं, यही नहीं जब तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी कनाडा गयी थीं तो उन्हें कह दिया गया था कि विमान बमकांड के आरोपियों को हम इसलिए नहीं सौंप सकते क्योंकि हमारी उन्हीं राष्ट्रों के साथ प्रत्यपर्ण संधि है जो ब्रिटिश महारानी को अपना सर्वेसर्वा मानते हैं

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने बोला कि लेकिन जस्टिन ट्रूडो को एक बात साफ हो जानी चाहिए कि जब अमेरिका अपने यहां वांछित आतंकी ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए पाक में घुस सकता है तो यह आज का नया हिंदुस्तान भी अपने यहां वांछित अपराधियों या हिंदुस्तान विरोधी गतिविधियों को चलाने वालों को मारने के लिए कहीं भी घुस सकता है उन्होंने बोला कि हालांकि मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि जो घटनाएं बताई जा रही हैं उसमें हिंदुस्तान का हाथ है लेकिन हिंदुस्तान की ताकत सबको साफ होनी ही चाहिए उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान की ओर से अनेक सबूतों को पेश करने के बावजूद कनाडाई प्राधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की और खालिस्तानी गतिविधियों को अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर बढ़ने दिया साथ ही हरदीप सिंह निज्जर मुद्दे में हिंदुस्तान के साथ कोई सबूत साझा नहीं किया उन्होंने बोला कि यह सब दर्शाता है कि कनाडा गलत दिशा में जा रहा है इसीलिए फाइव आइज कहे जाने वाले राष्ट्रों ने भी जस्टिन ट्रूडो का साथ नहीं दिया उन्होंने बोला कि जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता जिस तरह गिरी है और जिस तरह उनके राष्ट्र का ही मीडिया और सत्तारुढ़ गठबंधन के सांसदों के अतिरिक्त विपक्षी सांसदों की ओर से पीएम को घेरा जा रहा है उससे उन्हें समय पर ही चेत जाना चाहिए

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