चीन का मकसद पाकिस्तानी मीडिया पर अपना कब्जा जमाना
अमेरिकी रिपोर्ट में बोला गया है कि चीन ने मीडिया स्टोरीज पर अपनी पकड़ बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अभियानों का एक नेटवर्क डेवलप किया है और उसका एक मकसद पाकिस्तानी मीडिया पर जरूरी नियंत्रण हासिल करना भी है। विदेश विभाग ने पिछले हफ्ते जारी एक रिपोर्ट में बोला कि सूचना क्षेत्र में रूस के साथ मिलकर काम करने के अलावा, चीन ने प्रतिकूल आख्यानों का मुकाबला करने के लिए अन्य करीबी साझेदारों को शामिल करने का कोशिश किया है। इसमें बोला गया है कि उनमें से प्रमुख राष्ट्र पाक हैरिपोर्ट में बोला गया है कि पाक के साथ, बीजिंग ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) मीडिया फोरम सहित ‘दुष्प्रचार से निपटने पर योगदान गहरा करने की मांग की है। बीजिंग और इस्लामाबाद मीडिया फोरम का इस्तेमाल उन चीजों को संबोधित करने के लिए करते हैं जिन्हें वे प्रचार और दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार के रूप में देखते हैं और उन्होंने सीपीईसी रैपिड रिस्पांस इंफॉर्मेशन नेटवर्क जैसी पहल प्रारम्भ की है और हाल ही में, चीन-पाकिस्तान मीडिया कॉरिडोर (सीपीएमसी) प्रारम्भ करने का वादा किया है। 2021 में विदेश विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने चीन-पाकिस्तान मीडिया कॉरिडोर के हिस्से के रूप में पाकिस्तानी मीडिया पर जरूरी नियंत्रण के लिए वार्ता करने की मांग की, जिसमें पाक के सूचना वातावरण की नज़र और आकार देने के लिए संयुक्त रूप से संचालित “नर्व सेंटर” की स्थापना भी शामिल है।
इसमें बोला गया है कि प्रस्ताव का दायरा, जिस पर इस्लामाबाद ने गंभीरता से विचार नहीं किया है, और तथ्य यह है कि इसमें जिन तंत्रों का विवरण दिया गया है, वे बीजिंग को असमान रूप से फायदा पहुंचाते हैं, यह एक करीबी साझेदार के घरेलू सूचना वातावरण पर प्रत्यक्ष नियंत्रण ग्रहण करने की बीजिंग की महत्वाकांक्षा का एक साफ उदाहरण है। चीन के मसौदा अवधारणा पत्र में चीन और पाक सरकारों से थिंक टैंक, राय नेताओं, सीपीईसी शोध केंद्रों, मीडिया संगठनों, पीआरसी कंपनियों और यहां तक कि क्षेत्रीय कन्फ्यूशियस संस्थानों से इनपुट को सुव्यवस्थित करके पाक के सूचना वातावरण की नज़र के लिए एक “तंत्रिका केंद्र” स्थापित करने का आह्वान किया गया।