ग्लोबल साउथ के देश अब भारत से उम्मीद लगाए बैठे
भारत ने पिछले वर्ष दिसंबर में जी20 की अध्यक्षता एक साल के लिए संभाली थी और अब वह इसे ब्राजील को सौंपने वाला है। संयुक्त देश में हिंदुस्तान के स्थायी मिशन और दक्षिण-दक्षिण योगदान के लिए संयुक्त देश कार्यालय ने बुधवार को यहां संयुक्त देश मुख्यालय में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। भारत-संयुक्त देश विकास साझेदारी कोष की सहयोगात्मक साझेदारी के छह वर्ष पूरे होने के मौके पर यह आयोजन किया गया। संयुक्त देश की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने इस अवसर पर कहा, ‘‘भारत लंबे समय से दक्षिण-दक्षिण योगदान का और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अंतरराष्ट्रीय अनुसरण का पैरोकार रहा है जहां वह ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के अपने दर्शन को सामने रख रहा है।
यूएन ने हिंदुस्तान को सराहा
अमीना मोहम्मद ने बोला कि हिंदुस्तान संयुक्त देश विकास साझेदारी कोष उस असाधारण उपलब्धि का प्रमाण है जिसे राष्ट्र एक टिकाऊ, समान और न्यायोचित विश्व बनाने के लिए एकजुट होकर, सीमाओं और मतभेदों से उबरकर हासिल कर सकते हैं। मोहम्मद ने बोला कि साझेदारी कोष की छठी बरसी हमें टिकाऊ विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सामने आने वाले अनेक अवरोधों पर और इन चुनौतियों से उबरने में दक्षिण-दक्षिण योगदान में निभाई जा सकने वाली अहम किरदार पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है। कोष की स्थापना 2017 में की गई थी और तब से इसने 54 राष्ट्रों में 76 परियोजनाओं का समर्थन किया है।
संयुक्त देश महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने बोला कि महामारी के प्रभावों से जटिल हुए वित्तीय क्षेत्र में आए संकुचन के मौजूदा दौर में यह ‘छोटा कदम नहीं’ है। उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान में दुनिया की जनसंख्या का छठा हिस्सा रहता है और यह संयुक्त देश समेत अंतरराष्ट्रीय मिशन में भी बेमिसाल किरदार निभा रहा है। संयुक्त देश में हिंदुस्तान की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने बोला कि हिंदुस्तान ने जो बोला है, वो किया है और किसी को पीछे नहीं छोड़ने के उसके मूल्यों के लिए उसकी प्रतिबद्धता सिर्फ़ बयानबाजी नहीं लगती, बल्कि उनमें वास्तविकता झलकती है। (