कर्ज में डूबे पाकिस्तान की मुश्किलें बढती जा रही दिन प्रतिदिन
पाक से तंग आकर लोग अब आजाद होना चाहते हैं। इसके साथ ही विरोध की गूंज अब गिलगित-बाल्टिस्तान और बलूचिस्तान तक भी पहुंच गई है। स्थानीय लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं और नारे लगा रहे हैं, ‘सीमा खोलो, हम हिंदुस्तान जाना चाहते हैं।’
स्थानीय लोगों ने पाक विरोधी नारे लगाए
महंगाई की मार झेलने के साथ-साथ अब पाक में लोग जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्ज में डूबे पाक की मुश्किलें अब दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि पीओके यानी पाक ऑफिशियल कश्मीर आजादी के लिए छटपटा रहा है। पाकिस्तान लगातार पीओके पर अपना दावा कर दुनिया को उकसा रहा है। हालांकि, अब इस्लामिक राष्ट्रों ने पाक के दावे को खारिज कर दिया है। यूएई ने पुष्टि की है कि पीओके हिंदुस्तान का अभिन्न अंग है। जिसके चलते गिलगित-बाल्टिस्तान और बलूचिस्तान में विरोध की गूंज सुनाई दे रही है। स्थानीय लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही ‘सीमा खोलो, हम हिंदुस्तान जाना चाहते हैं’ के नारे भी लगाए जा रहे हैं।
भारत आने के बाद PoK की किस्मत बदल जाएगी
जम्मू-कश्मीर अब विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ने लगा। पीओके के लोगों को यह एहसास हो रहा है कि हिंदुस्तान आने के बाद ही पीओके की किस्मत बदल सकती है। स्थानीय लोग कह रहे हैं, कारगिल खोलो, सीमा खोलो, हम हिंदुस्तान जाना चाहते हैं। स्थानीय लोग पाक गवर्नमेंट को चुनौती देते हुए कह रहे हैं कि यदि आप हमें सुविधाएं नहीं देना चाहते तो बॉर्डर खोल दीजिए, हम हिंदुस्तान जाना चाहते हैं। विरोध प्रदर्शन के लिए पुलिस के काफिले तैनात किए जा रहे हैं। कई जगहों पर नाकेबंदी की जा रही है।
PoK के लोग हिंदुस्तान क्यों जाना चाहते हैं?
पाकिस्तान में हालात बदतर होते जा रहे हैं। पीओके भी इससे अछूता नहीं है। महंगाई चरम पर है। लोगों को रोटी नहीं मिलती। बेरोजगारी बढ़ रही है। तेल और गैस की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। बिजली का बिल कई गुना बढ़ गया है और यदि कोई आवाज उठाता है तो पाकिस्तानी सेना उसे बीच बाजार से उठवा देती है। ऐसे में पाक के विरुद्ध गुस्सा भड़क गया है जो अब विरोध प्रदर्शनों की बाढ़ बन चुका है।
दरअसल, गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों को पाकिस्तानी शासकों ने हमेशा हाशिये पर रखा है। आवश्यक वस्तुएं पाक के अन्य क्षेत्रों में सबसे पहले पहुंचती हैं। जिसके बाद पीओके के लोगों से मुलाकात होती है। अक्सर आटे-दाल की इतनी कमी हो जाती है कि बच्चों को भूखा ही सोना पड़ता है। ये फर्क पाकिस्तानी भी जानते हैं। इसीलिए वह पीओके के लोगों का समर्थन कर रहे हैं।
इस्लामाबाद, कराची, लाहौर के लोग भी पाक से आजादी चाहते हैं
पाकिस्तान से आजादी की आवाज तो पीओके में ही उठ रही है, बलूचिस्तान से भी यही मांग उठ रही है। गिलगित-बाल्टिस्तान में कारगिल की सीमा खोलने की मांग तेज हो रही है, वहीं बलूचिस्तान में भी लोग हिंदुस्तान से मिलने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। सिंध और पाक के अन्य प्रांतों से भी ऐसी ही मांग की जा रही है। इस्लामाबाद, कराची और लाहौर जैसे पाकिस्तानी शहरों में रहने वाले लोग भी कह रहे हैं कि यदि पाकिस्तानी शासकों ने लोगों का ख्याल नहीं रखा तो लोग पाक छोड़ देंगे।