चौथे भारत के चंद्रयान 3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर रचा इतिहास
रूस को आशा थी को वह लूना-25 को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच सकता है। हालांकि ऐसा हो नहीं सका। करीब 50 वर्षों के बाद रूस का यह चांद को लेकर पहला मिशन था। लेकिन 19 अगस्त को लूना-25 स्पेसक्रॉफ्ट नियंत्रण से बाहर होने के बाद चांद की सतह पर क्रैश हो गया। रूस का इतिहास रचने का सपना टूट गया। इस घटना के चौथे हिंदुस्तान के चंद्रयान 3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। बता दें चंद्रमा के इस हिस्से पर अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक उतारने वाला हिंदुस्तान पहला राष्ट्र बन गया।
रूस ने नहीं छोड़ी है उम्मीद
हालांकि इस नाकामी से रूस के हौंसले पस्त नहीं हुए हैं। रूसी न्यूज एजेंसी तास के अनुसार रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) के प्रेस ऑफिस ने शुक्रवार को घोषणा की कि स्पेस एजेंसी वर्ष 2025-26 के बीच रूस की ओर से दक्षिणी ध्रुव पर एक नया मिशन भेजने का विचार कर रही है।
प्रेस ऑफिस ने बोला कि रोस्कोस्मोस के प्रमुख यूरी बोरिसोव ने 25 अगस्त को लावोचिन रिसर्च एंड प्रोडक्शन एसोसिएशन में लूना-25 स्वचालित स्टेशन के डेवलपर्स से मुलाकात की।
प्रेस कार्यालय ने अपने बयान में कहा, ‘रोस्कोस्मोस प्रमुख ने उद्यम के कर्मचारियों और रूसी वैज्ञानिकों के साथ अधूरे लूना-25 मिशन के संभावित कारणों और रूस के चंद्र कार्यक्रम की आगे की संभावनाओं पर चर्चा की।’
‘अधूरे मिशन ने खोज को रोक नहीं दिया है’
रोस्कोस्मोस प्रमुख ने विशेष रूप से बोला कि अधूरे चंद्र मिशन ने चंद्रमा की खोज को रोक नहीं दिया है। उन्होंने निष्कर्ष निकालने और काम जारी रखने का आग्रह किया। बयान के मुताबिक, ‘बोरिसोव ने बल देकर बोला कि रूसी इंजीनियर और वैज्ञानिक चंद्र परियोजना को जारी रखने के लिए उत्सुक हैं। 2025-2026 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के मिशन को दोहराने की आसार विकल्पों में से एक हो सकती है।’