अंतर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र के वजूद पर भारत हमेशा से ही लगातार निशाना साधता

संयुक्त देश के वजूद पर हिंदुस्तान हमेशा से ही लगातार निशाना साधता रहा है कई मौकों पर यूनाइटेड नेशन निर्बल ही नजर आया है पीएम मोदी ने यूएन में अपने संबोधनों में भी संयुक्त देश में समय के साथ आमूलचूल बदलाव लाने की बात कही है समय के साथ वही पुराना ढर्रा और वही 5 स्थाई राष्ट्रों की सदस्यता के कारण यूएन अपने समय से आगे नहीं बढ़ पाया है हिंदुस्तान ने कई मौकों पर दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या का राष्ट्र होने के नाते स्थाई सदस्यता की बात पुरजोर ढंग से कही है इस बार हिंदुस्तान ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाया है जी4 समूह के सदस्य देशों- ब्राजील, जर्मनी, जापान और हिंदुस्तान ने चेतावनी दी है कि संयुक्त देश सुरक्षा परिषद में सुधार में जितना लंबा समय लगेगा, उतने ही इसके प्रभावों को लेकर प्रश्न खड़े होंगे

इन राष्ट्रों ने अंतर-सरकारी वार्ता (आईजीएन) के मामलों में सार्थक संवाद की कमी पर भी चिंता जताई जी4 राष्ट्र लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि उन्‍हें स्‍थायी सदस्‍य बनाया जाए, लेकिन अभी तक 5 स्‍थायी राष्ट्रों ने इस द‍िशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया है ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा, जर्मनी की संघीय विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक, जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा और हिंदुस्तान के विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने संयुक्त देश महासभा के 78वें सत्र से इतर गुरुवार को मुलाकात की

2025 में यूएन की 80वीं वर्षगांठ

मुलाकात के दौरान और सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए वार्ता की स्थिति पर चर्चा की उन्होंने सुरक्षा परिषद सुधार पर निर्णायक प्रगति और असली परिणामों के लिए 2024 में ‘समिट फॉर फ्यूचर’ (भविष्य के लिए सम्मेलन) और 2025 में संयुक्त देश की 80वीं वर्षगांठ जैसी जरूरी आनें वाले घटनाओं के महत्व को भी रेखांकित किया

सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार की जरूरत

जी4 मंत्रियों के जारी संयुक्त प्रेस वक्तव्य में बोला गया, ‘मंत्रियों ने इस बात पर बल दिया कि अंतर्राष्ट्रीय शासकीय ढांचों का भविष्य उनके अनुकूल और उद्देश्य के लिए यथोचित बने रहने की उनकी क्षमता पर निर्भर करता है संयुक्त देश सुरक्षा परिषद में सुधार में जितना लंबा समय लगेगा, उतना ही इसका असर प्रश्नों के घेरे में आएगा’ वक्तव्य के अनुसार, ‘जी4 राष्ट्रों के मंत्रियों ने यूएनजीए के आनें वाले 78वें सत्र में इस मामले पर ध्यान देने की प्रतिबद्धता जताई और निश्चित समय-सीमा में ठोस रिज़ल्ट हासिल करने के उद्देश्य से सभी सदस्य राष्ट्रों के साथ संवाद बढ़ाने पर सहमति जताई

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