भारत ने कनाडा के आरोपों को निराधार करार देकर किया खारिज
वाशिंगटन। यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष मुकेश अघी का बोलना है कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने पिछले महीने संसद में बिना ठोस सबूत के हिंदुस्तान के विरुद्ध इल्जाम लगाए।
खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर में भारतीय एजेंट की संलिप्तता के ट्रूडो के आरोपों के बाद पिछले महीने हिंदुस्तान और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया था। हिंदुस्तान ने कनाडा के आरोपों को निराधार करार देकर खारिज किया है।
अघी ने पीटीआई-के साथ एक इंटरव्यू में शुक्रवार को कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक जरूरी मामले को बिना किसी ठोस सबूत के संसद में उठाया गया और इससे दोनों राष्ट्रों के बीच संबंध खराब हो गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और कनाडा के बीच संबंध काफी पुराने हैं। दोनों राष्ट्रों के बीच व्यापार बहुत बड़ा है। 2,30,000 से अधिक भारतीय विद्यार्थी वहां (कनाडा) पढ़ते हैं। कनाडा ने हिंदुस्तान में लगभग 55 अरब $ का निवेश किया है। ऐसे में, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक राष्ट्र के पीएम संसद में कहते हैं कि ‘‘विश्वसनीय आरोप’’ हैं और यह साबित करने के लिए सबूत पेश नहीं कर पा रहे हैं कि ये इल्जाम विश्वसनीय हैं।’’
यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष अघी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि परिपक्वता से स्थिति को संभालना होगा, क्योंकि इसका असर पड़ता है। कनाडा हिंदुस्तान पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका का सहारा लेना चाहता है।’’
एक प्रश्न के उत्तर में अघी ने बोला कि कनाडा और हिंदुस्तान के बीच राजनयिक टकराव का भारत-अमेरिका संबंधों पर असर पड़ेगा, लेकिन लंबी अवधि में भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंध गहरे और व्यापक होते रहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका-भारत संबंध भूराजनीतिक हैं। ये आर्थिक मुद्दों और भारतीय-अमेरिकी प्रवासियों से जुड़े हैं। हां, इसका (भारत-कनाडा विवाद) असर पड़ेगा, लेकिन लंबी अवधि में संबंध गहरे और व्यापक होते रहेंगे।’’
अघी ने दावा किया कि कनाडा के पीएम ने घरेलू राजनीति और अपने सियासी अस्तित्व के लिए एक सिख बहुल पार्टी पर उनकी निर्भरता के चलते ये इल्जाम लगाए।