ईरान ने हिजबुल्लाह के साथ हमास को दी ट्रेनिंग ताकि वे मिलकर इजरायल के खिलाफ लडे जंग
इजरायल में शनिवार तड़के हमास के आतंकवादी हमलों के पीछे ईरान पर प्रश्न उठ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट में ऐसा दावा किया जा रहा है कि ईरान ने लेबनान के आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के साथ हमास को भी ट्रेनिंग दी ताकि वे मिलकर इजरायल के विरुद्ध जंग लड़े। लेकिन, ईरान के संयुक्त देश मिशन ने हमास के हमलों में तेहरान की संलिप्तता से इनकार किया है। ईरान के दावों को झूठा बताते हुए संयुक्त देश में इजराइल के प्रतिनिधि गिलाद एर्दान ने एक वीडियो शेयर कर हड़कंप मचा दी है। इस वीडियो में हमास के नेता को कथित तौर पर हथियार, पैसा और अन्य तरह की सहायता के लिए ईरान का शुक्रिया अदा करते हुए सुना और देखा जा सकता है।
यूएन में इजरायली प्रतिनिधि गिलाद एर्दान द्वारा साझा किए गए वीडियो में, हमास नेता को यह कहते हुए देखा जा सकता है, “उन सभी व्यक्तियों, समूहों और देशों, विशेष रूप से इस्लामी गणतंत्र ईरान को धन्यवाद, जिन्होंने हमें धन, हथियार और अन्य चीजों के साथ उदारतापूर्वक समर्थन दिया है।”
वीडियो शेयर करते हुए गिलाद ने लिखा, “अगर आपको इस बारे में कोई शक है कि इस बर्बर आतंकवादी हमले को कौन फंडिंग और समर्थन कर रहा है, एक नजर डालिए! यहां हमास आतंकियों का एक वीडियो है जो हथियारों, धन और रॉकेटों के लिए किसी और को नहीं बल्कि ईरान को धन्यवाद दे रहा है। ये कह रहा है कि इजरायलियों का किडनैपिंग करो।”
गिलाद एर्दान ने पहले भी बोला था कि वे इस बात को लेकर काफी आश्वस्त थे कि ईरान हमास के अभियानों को अपना समर्थन दे रहा है, जिसने गाजा पट्टी से इज़राइल पर अपना सबसे बड़ा धावा किया है।
ईरान की टिप्पणी से आगबबूला इजरायल
एर्दान की टिप्पणी ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के उस बयान के कुछ घंटों बाद आई है जिसमें उन्होंने बोला था कि राष्ट्र फिलिस्तीनियों के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है और बोला था कि इस क्षेत्र को खतरे में डालने के लिए इजरायल को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। सरकारी टेलीविजन के हवाले से रायसी ने कहा, “ईरान फिलिस्तीनी देश की वैध रक्षा का समर्थन करता है।” उन्होंने कहा, “ज़ायोनी शासन (इज़राइल) और उसके समर्थक क्षेत्र में राष्ट्रों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए उत्तरदायी हैं और उन्हें इस मुद्दे में जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
उन्होंने सीरिया, लेबनान और इराक सहित हमास और अन्य राष्ट्रों के समूहों के “प्रतिरोध” प्रयासों की सराहना करते हुए मुसलमान सरकारों से “फिलिस्तीनी देश का समर्थन” करने की अपील की। उल्लेखनीय है कि ईरान के संयुक्त देश मिशन ने हमास के हमलों में तेहरान की संलिप्तता से इनकार किया है।