जस्टिन ट्रूडो ने यूएई के राष्ट्रपति से भारत-कनाडा विवाद पर की बात
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ टेलीफोन पर बात की। दोनों के बीच भारत-कनाडा टकराव पर चर्चा हुई। वार्ता में ट्रूडो ने बोला कि “कानून के शासन” को बनाए रखना और उसका सम्मान करना जरूरी है। इससे पहले, यूके के पीएम ऋषि सुनक ने ट्रूडो के साथ एक कॉल में भारत-कनाडा टकराव को कम करने का आह्वान किया था।
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से टेलीफोन पर वार्ता की। दोनों के बीच इजराइल के वर्तमान परिस्थिति पर भी बात हुई। दोनों नेताओं ने बड़े पैमाने पर लोगों की मृत्यु पर चिंता व्यक्त की।
ट्रूडो ने X पर पोस्ट किया, “आज टेलीफोन पर महामहिम @MohamedBinZayed और मैंने इज़राइल की मौजूदा स्थिति के बारे में बात की। हमने अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और नागरिक जीवन की रक्षा की जरूरत पर चर्चा की।”
उनके पोस्ट में बोला गया, “हमने हिंदुस्तान और कानून के शासन को बनाए रखने और उसका सम्मान करने के महत्व के बारे में भी बात की।” इससे पहले यूके के पीएम ऋषि सुनक ने अपने कनाडाई समकक्ष ट्रूडो के साथ एक कॉल में भारत-कनाडा टकराव को कम करने का आह्वान किया था। डाउनिंग स्ट्रीट के एक बयान के अनुसार, सुनक ने शुक्रवार शाम को ट्रूडो से बात की, इस दौरान उन्हें हिंदुस्तान में कनाडाई राजनयिकों से संबंधित स्थिति के बारे में जानकारी दी गई।
बयान में बोला गया है, “उन्होंने (ऋषि सुनक) स्थिति में कमी देखने की आशा की और अगले कदम पर प्रधान मंत्री ट्रूडो के साथ संपर्क में रहने पर सहमति व्यक्त की।” सुनक ने ब्रिटेन की स्थिति की भी पुष्टि की कि सभी राष्ट्रों को राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन के सिद्धांतों सहित संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए। इस बीच, ट्रूडो ने हिंदुस्तान में कनाडाई राजनयिकों से संबंधित स्थिति का भी अपडेट दिया।
गौरतलब है कि हिंदुस्तान और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध तब खराब हो गए जब ट्रूडो गवर्नमेंट ने कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर में हिंदुस्तान पर किरदार निभाने का इल्जाम लगाते हुए एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया। इसके बाद, हिंदुस्तान ने एक बयान जारी करके तुरंत जवाबी कार्रवाई की, जिसमें इस मामले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया गया और एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया गया।
इसके अलावा, बढ़ते तनाव के बीच, हिंदुस्तान ने यहां कनाडाई राजनयिकों की संख्या में समानता का आह्वान किया है। उन रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए, जिनमें दावा किया गया है कि हिंदुस्तान ने कनाडा से राष्ट्र में अपने 62 राजनयिकों में से 41 को हटाने के लिए बोला है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस महीने की आरंभ में बोला था कि कनाडा की राजनयिक उपस्थिति हिंदुस्तान में बहुत अधिक है और उनका मानना है कि “कम होनी चाहिए”।