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खादिजा शाह : इन महिला कैदियों की बाहरी दुनिया तक पहुंच नहीं है और वे…

पाक के पूर्व सेना प्रमुख की पोती और पूर्व पीएम इमरान खान की पाक तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की नेता खादिजा शाह ने कारावास से खुला पत्र लिखकर पार्टी की 18 स्त्री कैदियों की व्यथा को खुलासा किया है बीती 9 मई की अत्याचार में कथित रूप से शामिल होने पर अरैस्ट की गईं खादिजा शाह ने सनसनीखेज पत्र के जरिये स्वयं समेत पार्टी की 19 स्त्री कैदियों के प्रति ‘सहानुभूति और मानवता’ दिखाने की मांग की है दिवंगत जनरल आसिफ नवाज जंजुआ की पोती और पेशे से फैशन डिजाइनर शाह उन स्त्रियों में शामिल हैं, जिन्हें नौ मई को सेना प्रतिष्ठानों पर किये गये हमले में कथित तौर पर शामिल होने पर अरैस्ट किया गया था

भ्रष्टाचार के एक मुद्दे में पीटीआई प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद यह अत्याचार भड़की थी खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन सीक्रेट दस्तावेजों को लीक करने के मुद्दे के संबंध में वह अब भी कारावास में हैं पिछले हफ्ते जमानत पाने वालीं खादिजा शाह को दोबारा अरैस्ट कर लिया गया और उन्होंने अब पांच पन्ने का एक हस्तलिखित पत्र जारी किया है जिसे उनके पति ने ‘एक्स’ पर पीटीआई के आधिकारिक एकाउंट पर बुधवार को साझा किया पत्र में पार्टी की स्त्री कैदियों के बीच “अलगाव, दर्द और पीड़ा” की दिल दहला देने वाली कहानियों का वर्णन किया गया है शाह ने बोला कि नौ मई के विरोध प्रदर्शन में ‘शांतिपूर्वक भाग लेने’ के लिए उन्हें चार महीने से अधिक समय से कारावास में रखा गया है

चिट्ठी में लिखी ये बात

खादिजा शाह ने पत्र में लिखा, ”लाहौर की कोट लखपत कारावास में पीटीआई समर्थक प्रत्येक स्त्री कैदी को अकल्पनीय सजा भुगतनी पड़ी है” शाह ने कहा, “इन स्त्री कैदियों की बाहरी दुनिया तक पहुंच नहीं है और वे अपनी व्यथा साझा करने में असमर्थ हैं, मेरे साथ कैद की गई स्त्रियों को असहनीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है, वे प्रतीक्षा कर रही हैं कि दुनिया इस पर ध्यान दे और उनके लिए आवाज उठाए कैद में रहने वाली ये 18 महिलाएं केवल 18 महिलाएं नहीं हैं वे 18 घर, 18 परिवार हैं और अनगिनत जिंदगियां पूरी तरह बिखर गई हैं  जनरल जंजुआ ने अगस्त 1991 से जनवरी 1993 में अपनी मौत तक चौथे सेनाध्यक्ष के रूप में कार्य किया  (भाषा)

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