अंतर्राष्ट्रीय

तड़प-तड़प कर लाखों यहूदियों की हुई मौत

सिडनी: ऑस्ट्रेलिया में सोमवार (9 अक्टूबर) को इजराइल पर धावा करने वाले आतंकवादी संगठन हमास के समर्थकों ने टाउन हॉल से सिडनी ओपेरा हाउस तक मार्च किया और यहूदियों को पूरी तरह समाप्त करने का आह्वान किया बता दें कि, हमास को ऑस्ट्रेलिया में एक आतंकी संगठन के रूप में घोषित किया गया है सिडनी में हमास समर्थकों ने “यहूदियों को गैस दो,” के नारे लगाए, जिसमे उस नरसंहार की वीभत्सता की याद दिलाई गई, जिसमें हिटलर द्वारा कम से कम 60 लाख यहूदियों की बेरहमी से सामूहिक मर्डर कर दी गई थी हिटलर ने यहूदियों को जहरीली गैस के चैंबर में ठूंस दिया था, जहाँ तड़प-तड़प कर लाखों यहूदियों की मृत्यु हो गई थी इस दौरान सिडनी में भीड़ ने घृणित नारे लगाते हुए आतंकवादी संगठन अल-कायदा के काले झंडे भी लहराए

सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियों पर यहूदी-विरोधी विरोध प्रदर्शन के कई वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं, जिसमे लोग आतंकियों के समर्थन में यहूदियों के प्रति घृणा के भयानक प्रदर्शन का आह्वान कर रहे हैं भीड़ ने इजरायली झंडे को कुचलने और टुकड़े-टुकड़े करने से पहले उसे आग लगाने का कोशिश करते हुए चिल्लाया, “Fu@K इज़राइल, Fu@K यहूदी, Fu@K अल्बानीज़, अल्लाह हू अकबर” इसके साथ ही फिलिस्तीनी झंडे लहराए गए और फ्लैग मार्च निकाला गया रिपोर्ट के अनुसार, फिलिस्तीन एक्शन ग्रुप सिडनी द्वारा सिडनी में आतंकी समूह हमास के समर्थन में यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था भीड़ ने कई इस्लामी और यहूदी-विरोधी नारे लगाए, मुसलमान उत्पीड़न के नारे लगाते हुए बैनर लहराए और यहां तक कि ओपेरा हाउस के आसपास आगजनी भी की

ओपेरा हाउस को हानि पहुंचाने की प्रयास में भीड़ ने पुलिस टीम पर जलती हुई चीज़ें भी फेंकी सिडनी की सड़कों पर बिना किसी रोक-टोक के घृणास्पद भाषण गूंजने के बावजूद, भीड़ ने तख्तियां ले रखी थीं जिन पर लिखा था कि, “मुसलमानों पर अत्याचार करना बंद करो” और “उत्पीड़ितों के लिए खड़े रहो” सिडनी में हमास समर्थक विरोध प्रदर्शन में कथित तौर पर इजरायली झंडा फहराने का कोशिश कर रहे कम से कम तीन व्यक्तियों को पुलिस ने हिरासत में लिया पुलिस ने हिंसक विरोध प्रदर्शन को देखते हुए यहूदी लोगों को सिडनी ओपेरा हाउस के आसपास के इलाकों में न जाने की चेतावनी दी थी

इसके अलावा, सिडनी यूनिवर्सिटी में एक स्वदेशी समुदाय सहभागिता अधिकारी ने फिलिस्तीन के आतंकी मामले को समर्थन की तुलना ऑस्ट्रेलिया में आदिवासी लोगों के अनुभव से की न्यू साउथ वेल्स ग्रीन्स के सांसद जेनी लेओंग जैसे कुछ ऑस्ट्रेलियाई राजनेताओं ने खुले तौर पर हमास समर्थक विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया है और इजरायल को किसी भी समर्थन की निंदा कर रहे हैं, जिसमें 7 अक्टूबर को हमास द्वारा लॉन्च किए गए 5,000 रॉकेटों द्वारा सैकड़ों इजरायली और विदेशी नागरिक भी मारे गए थे

बता दें कि, ऑस्ट्रेलिया का नस्लीय भेदभाव अधिनियम, किसी आदमी के लिए निजी तौर पर किए गए कार्य को अवैध बनाता है, यदि कार्य सभी परिस्थितियों में किसी अन्य आदमी या लोगों के समूह को ठेस पहुंचाने, अपमान करने, अपमानित करने या डराने-धमकाने की मुनासिब आसार है, और वह कार्य है दूसरे आदमी या समूह के कुछ या सभी लोगों की नस्ल, रंग या राष्ट्रीय या जातीय मूल के कारण किया गया है हालाँकि, कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कानून के अनुसार कुछ छूट प्रदान करता है

 

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