हमास आतंकवादियों के हमलों में 700 से अधिक इजरायली मारे गए, जबकि 2,000 लोग हुए घायल
नई दिल्ली: इज़राइल इस समय हमास आतंकियों द्वारा बड़े पैमाने पर हमलों से जूझ रहा है। इस बीच इज़राइली राजदूत नाओर गिलोन ने रविवार (8 अक्टूबर) को बोला है कि उनके राष्ट्र को हिंदुस्तान से बहुत मजबूत समर्थन की जरूरत होगी, क्योंकि यह (भारत) एक प्रभावशाली राष्ट्र है और आतंकवाद की चुनौती को जानता है। गिलोन ने हमास आतंकवादियों के हमलों को पूरी तरह से अकारण और अस्वीकार्य बताते हुए बोला कि इजराइल इस चुनौती से स्वयं निपटेगा और अपराधियों को दंडित करेगा
बता दें कि, शनिवार से गाजा पट्टी से जारी हमास आतंकियों के हमलों में 700 से अधिक इजरायली मारे गए हैं और 2,000 से अधिक घायल हो गए। फ़िलिस्तीनी ऑफिसरों ने बोला कि इज़रायल के जवाबी हमलों में गाजा पट्टी में 300 से अधिक लोग मारे गए हैं। पत्रकारों से बात करते हुए, हिंदुस्तान में इजरायल के दूत ने दावा किया है कि हमलों में ईरान का हाथ है और सुझाव दिया कि राष्ट्र ने हमास को हथियारों की आपूर्ति की है। उन्होंने इल्जाम लगाया है कि, “हमारे लिए यह साफ है कि ईरान इसमें शामिल है। हम हथियारों की आपूर्ति और प्रशिक्षण के बारे में निश्चित रूप से जानते हैं।”
गिलोन ने बोला कि उनके राष्ट्र को “हमारे भारतीय मित्रों” के बहुत मजबूत समर्थन की जरूरत होगी और “भारत दुनिया में एक बहुत प्रभावशाली राष्ट्र है, एक ऐसे राष्ट्र के रूप में जो आतंकवाद को जानता है और संकट को समझता है।” उन्होंने बोला कि, “यह हमारे लिए बहुत जरूरी होगा कि हमें वह करने की क्षमता दी जाए, जो हमें करने की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमास अत्याचार जारी न रख पाए।” गिलोन ने बोला कि इस समय इजरायल को हिंदुस्तान का समर्थन अज्ञानता के बजाय आतंकवाद की गहरी समझ पर आधारित है। उन्होंने कहा, ”हमें हिंदुस्तान से भारी समर्थन मिला है।” गिलोन ने कहा, “हम आशा करते हैं कि दुनिया के सभी राष्ट्र सबसे पहले सैकड़ों इजरायली नागरिकों, महिलाओं, पुरुषों, बुजुर्गों और बच्चों की अकारण मर्डर और किडनैपिंग की आलोचना करेंगे। यह अस्वीकार्य है।”
बता दें कि, हमास के हमलों के बाद पीएम मोदी ने शनिवार को इजराइल के साथ एकजुटता व्यक्त की और ”आतंकवादी हमले” की कड़ी आलोचना की थी। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला था कि, “इजरायल में आतंकी हमलों की समाचार से गहरा सदमा लगा है। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं बेगुनाह पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। इस मुश्किल घड़ी में हम इजराइल के साथ एकजुटता से खड़े हैं।” एक प्रश्न के उत्तर में इजराइली दूत ने बोला कि मध्यस्थता का समय नहीं है और अब आतंक के विरुद्ध कार्रवाई करने का समय है।