सबसे बड़ी आबादी वाले देश नाइजीरिया में सेना की इस गलती से करीब 90 लोगों की हुई मौत
पश्चिमी अफ्रीका की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले राष्ट्र नाइजीरिया में सेना की गलती से करीब 90 लोगों की मृत्यु हो गई। आपातकालीन सेवाओं से जुड़े ऑफिसरों ने कहा कि सेना के ड्रोन हमले के बाद अब तक 85 से अधिक नागरिकों के मृतशरीर दफनाए जा जुके हैं। मृतकों में ज्यादातर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग थे। राष्ट्रपति कहा टीनुबू (Bola Tinubu) ने सेना ड्रोन हमले की जांच के आदेश दिए हैं। उत्तरी कडुना में हुए इस जानलेवा चूक के बाद नाइजीरियाई सेना के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल ताओरीद लग्बाजा ने टुंडुन बीरी गांव का दौरा किया और हवाई हमले के लिए माफी मांगी। उन्होंने कडुना हॉस्पिटल का दौरा भी किया जहां घायलों का उपचार चल रहा है। कुछ लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने उनके हितों और अन्य सुविधाओं का ध्यान रखने का वादा भी किया है।
धार्मिक आयोजन को बनाया निशाना
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार कडुन काफी अशांत क्षेत्र है। जो राजधानी अबुजा से 163 किमी दूर है। ये क्षेत्र कई सशस्त्र गैंग द्वारा किडनैपिंग और हत्याओं की अंधाधुन्ध वारदातों से सहमा हुआ है। परेशानी बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में सुरक्षा बल हवाई हमलों का इस्तेमाल करके इन गैंग्स के खात्मे की प्रयास में जुटे हैं। इसी सिलसिले में सेना के एक खतरनाक ड्रोन हमले के जरिए उत्तर पश्चिमी नाइजीरिया में एक धार्मिक सभा को निशाना बना दिया गया।
सेना के प्रवक्ता ओनीमा नवाचुकु ने बोला कि हवाई गश्त कर रहे सैनिकों ने ड्रोन हमले से पहले मौके पर लोगों के एक समूह को देखा और उस टीम ने नीचे उपस्थित भीड़ की गतिविधियों को देखते हुए गलत संभावना व्यक्त किया और ड्रोन दाग दिया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से हुई चूक दोबारा न हो, हम इसके कोशिश करेंगे।
सदमें में है प्रत्यक्षदर्शी
मुस्लिम समुदाया के सालाना उत्सव में अचानक हुए हमले के बाद मंजर भयावाह था। चारों ओर खून, शवों के टुकड़े और लाशें बिछी थीं। जिसके प्रत्यक्षदर्शी अबतक सदमे में हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने सबसे पहले रात 9:00 बजे के बाद जोरदार धमाके की आवाज सुनी तो कुछ लोग सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़े, तो कुछ लोग मौके पर पहुंचे। करीब आधे घंटे बाद एक और भयानक धमाका हुआ, जिससे मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ गया।