अंतर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी ने अबू धाबी में बने हिंदू मंदिर का किया उद्घाटन

पीएम मोदी की दो दिवसीय यूएई यात्रा का आज दूसरा दिन है अपने दौरे के दूसरे दिन प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अबू धाबी में बने हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया उद्घाटन से पहले प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंदिर की खूबसूरती का दीदार किया विदेश में बना अबतक का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है इस मंदिर को वैज्ञानिक तकनीकों और प्राचीन वास्तुकला उपायों का इस्तेमाल करके बनाया गया है बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था की ओर से निर्मित यह हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है इस मंदिर में तापमान मापने और भूकंपीय गतिविधि पर नजर रखने के लिए उच्च तकनीक वाले 300 से अधिक सेंसर लगे हैं सबसे खास बात की मंदिर को बनाने में किसी भी धातु का इस्तेमाल नहीं किया गया है और नींव को भरने के लिए फ्लाई ऐश का इस्तेमाल किया गया है इस मंदिर को करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है

बेहद खूबसूरत है अबू धाबी का हिंदू मंदिर
मंदिर में शिल्प स्थापत्य शास्त्रों में वर्णित निर्माण की प्राचीन शैली के मुताबिक बनाया गया है मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है जिसे बड़े-बड़े कंटेनर में हिंदुस्तान से लाया गया हैमंदिर प्राधिकारियों के अनुसार, जिस ओर गंगा का जल बहता है वहां पर एक घाट के आकार का एम्फीथिएटर बनाया गया है मंदिर के आगे के हिस्से में बलुआ पत्थर पर उत्कीर्ण संगमरमर की नक्काशी की गई है जिसे राजस्थान और गुजरात के कुशल कारीगरों ने बनाया है मंदिर को 2019 में बनाना प्रारम्भ किया गया था

किन देवी देवताओं की है मूर्ति
बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण की ओर से निर्मित मंदिर में सात शिखर हैं इसको लेकर मंदिर प्राधिकारियों का बोलना है कि यह संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरात का अगुवाई करते हैं इन सात शिखरों पर राम, कृष्ण, शिव, जगन्नाथ, स्वामीनारायण, तिरुपति बालाजी और ईश्वर अयप्पा की मूर्तियां रखी गई है प्राधिकारियों ने यह भी बोला है कि सात शिखर सात जरूरी देवताओं को समर्पित हैंये शिखर संस्कृतियों और धर्मों के परस्पर संबंध को रेखांकित करते हैं

मंदिर की खास बातें

  • साल 2017 में युवराज शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने मंदिर निर्माण के लिए 27 एकड़ जमीन उपहार में दी
  • 11 फरवरी 2018 को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका शिला-पूजन किया था
  • 2019 में इस मंदिर ने मैकेनिकल प्रोजेक्ट्स ऑफ द ईयर का खिताब भी जीता था
  • 27 एकड़ जमीन में फैले इस मंदिर में बहुत नाजुक, भव्य और बहुत बढ़िया नक्काशी की गयी है
  • मंदिर का निर्माण गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से हुआ है इसे राजस्थान से यूएई मंगाया गया है
  • मंदिर के निर्माण में 700 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया है
  • भारत से बाहर यह दुनिया का पहला सबसे बड़ा मंदिर है

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