ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव हुआ, इस चुनाव के नतीजे हुए घोषित
ताइपे: ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव हुआ, इस चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं। जिसके अनुसार चीन की कट्टर विरोधी सत्ताधारी पार्टी डीपीपी की जीत हो गई है। और चीन को आड़े हाथों लेने वाले लाई चिंग ते ताइवान के नए राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। उनकी पार्टी ने लगातार तीसरी बार ताइवान में सत्ता हासिल की है। चीन बार-बार ताइवान पर हमले की धमकी देता रहा है। इस चुनाव से पहले भी चीन ने ताइवान के लोगों को धमकी दी थी कि वे किसी चीनी विरोधी नेता को न चुनें। हालाँकि, ताइवान के लोगों ने खतरे को निगल लिया है और अपने विपक्षी नेता को ड्रैगन को चुनौती देने की जिम्मेदारी सौंपी है।
ताइवान के राष्ट्रपति बनने जा रहे लाई चिंग को 50 लाख से अधिक वोट मिले। 40 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर भी मिला। ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव का असर चीन में भी देखने को मिला। चीन ने चुनाव को शांति और युद्ध के बीच एक विकल्प के रूप में चित्रित किया। अब ताइवान की जनता ने एक कट्टर चीन विरोधी नेता को सत्ता की बागडोर सौंप दी है। जिसके चलते चीन और ताइवान के बीच युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है। चीन ने कई बार ताइवान की सीमाओं के आसपास सेना अभ्यास किया है, जिसमें पिछले वर्ष युद्धक विमानों का ताइवान की सीमा में प्रवेश करना भी शामिल है। लाई चिंग अपने कैंपेन में चीन की दादागिरी का मामला उठाते रहे हैं और इससे पहले वह कई बार सार्वजनिक तौर पर चीन की निंदा कर चुके हैं।
चीन की धमकियों के व्यापक उत्तर में ताइवान के लोगों ने एक कट्टर चीन विरोधी नेता को राष्ट्रपति पद सौंपने का निर्णय किया है। हालाँकि, ताइवान में ड्रैगन विरोधी पार्टी की जीत का असर चीन में प्रारम्भ हो गया है। एक तरफ चुनाव के नतीजे घोषित हो गए तो दूसरी तरफ चीन ने भी हलचल प्रारम्भ कर दी है। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने बोला कि ताइवान की सीमा के पास आठ चीनी युद्धक विमान और छह जहाज देखे गए। शुक्रवार और रविवार को ताइवान के सुरक्षा बलों ने चीनी युद्धपोतों और विमानों को ट्रैक किया। जिससे आसार है कि चीन कभी भी ताइवान पर धावा कर देगा।
ताइवान में चीन विरोधी डीपीपी, चीन समर्थक केएमटी और टीपीपी तीन पार्टियों के नेताओं के बीच झड़प हो गई। हालाँकि, ताइवान की जनता ने राष्ट्र की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चीन विरोधी नेता लाई चिंग को चुना। जीत के बाद लाई चिंग ने ट्विटर पर बोला कि ताइवान के लोगों ने एक बार फिर दुनिया के सामने लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। चीन ताइवान पर अपना दावा कर रहा है, इसलिए वह कभी भी धावा कर सकता है।
ऐसे में ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने राष्ट्र की रक्षा करने की होगी। लाइ चिंग का जन्म 1959 में ताइपेई, ताइवान के एक गाँव में एक कोयला खनिक के घर में हुआ था। लाई चिंग के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया, उनकी माँ ने लाई को बड़ा किया और कड़ी मेहनत करके उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी भेजा। को वितरित किये गये हार्वर्ड से पढ़ाई के बाद ताइवान लौटने के बाद उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में सेवा देना प्रारम्भ किया, बाद में 1996 में राजनीति में प्रवेश किया और अब ताइवान का नेतृत्व कर रहे हैं। चीन ने ताइवान के नए राष्ट्रपति को कट्टर अलगाववादी करार दिया है। यह भी दावा किया गया है कि लाई चिंग चीन के लिए घातक साबित हो सकता है।