मालदीव में चीन समर्थक सरकार काबिज, भारत के लिए बना सिरदर्द
राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद सोमवार रात राष्ट्रपति मोहम्मद एक सोशल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। यहां बोलते हुए उन्होंने मालदीव की आजादी तय करने की प्रतिज्ञा को दोहराया, जिसकी वजह से उनका मानना है कि उन्हें वोट मिले हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ये कोशिशें उनके शपथ लेने के तुरंत बाद प्रारम्भ हो जाएंगी। इस संबंध में उन्होंने कानून के दायरे में रहकर मालदीव से विदेशी सैनिकों को हटाने के अपने इरादे की पुष्टि की।
भारत के साथ रिश्तों पर कही ये बात
मुइज्जू ने कहा, ‘इसलिए, जो राजदूत मुझसे मिलने आएंगे, उनसे मुझे यही बोलना है कि करीबी रिश्तों के लिए यही एक शर्त है।’ मुइज ने वादा किया कि यदि वह राष्ट्रपति चुनाव जीत गए तो वह मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों को हटा देंगे। साथ ही राष्ट्र के व्यापार संबंधों को संतुलित करेंगे। वर्ष 2018 में जब मालदीव में चुनाव हुए तो हिंदुस्तान समर्थक मोहम्मद सोलिह के हाथ में कमान आई थी। उन राष्ट्रपति चुनावों के बाद विपक्ष ने इंडियन आर्मी की मौजूदगी पर चिंता जताई थी। विपक्ष ने दावा किया कि इंडियन आर्मी की मौजूदगी के साथ ही मालदीव को भी हिंदुस्तान को सौंप दिया गया है। सोलिह ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया था।