अंतर्राष्ट्रीय

“प्रिय मित्र” शी जिनपिंग से मिलने के लिए चीन पहुंचे पुतिन

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने बोला कि इस महीने चीन में तीन जरूरी घटनाएं घटीं पहली यह कि रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में एक और ताज़ा संघर्ष के बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनों राष्ट्रों के बीच गहरे संबंधों की पुष्टि करने के लिए अपने “प्रिय मित्र” शी जिनपिंग से मिलने के लिए चीन पहुंचे

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस हफ्ते हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि चीन में संपन्न बीआरआई सम्मेलन और पुतिन-जिनपिंग मुलाकात का क्या असर हुआ? इसके उत्तर में उन्होंने बोला कि रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दुनिया में अपनी बादशाहत कायम करने के लिए साथ आ गये हैं उन्होंने बोला कि चीन और रूस ने मिलकर जिस तरह यूक्रेन युद्ध में नाटो की शक्ति को कमजोर किया है उससे साबित होता है कि यह दोनों राष्ट्र आगे भी मिलकर पश्चिमी और यूरोपीय राष्ट्रों की नाक में दम किये रहेंगे उन्होंने बोला कि जिस तरह चीन ने युद्ध में रूस का खुलकर साथ दिया है और जिस तरह आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों से जूझ रहे चीन की सहायता के लिए रूस आगे आया है उससे दोनों राष्ट्रों के संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने बोला कि इस महीने चीन में तीन जरूरी घटनाएं घटीं पहली यह कि रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में एक और ताज़ा संघर्ष के बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनों राष्ट्रों के बीच गहरे संबंधों की पुष्टि करने के लिए अपने “प्रिय मित्र” शी जिनपिंग से मिलने के लिए चीन पहुंचे दूसरा, चीन ने शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के 10 वर्ष पूरे होने का ‘जश्न मनाने’ के लिए एक उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी की इस सम्मेलन को चीन के भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक संबंधों में गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है तीसरा और अधिक जरूरी पहलू चीनी अर्थव्यवस्था की तीसरी तिमाही के रिज़ल्ट संतोषजनक नहीं होना है

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने बोला कि चीन की बीआरआई परियोजना में 150 राष्ट्र शामिल हैं जिसमें से 130 तो चीन में हुए सम्मेलन में उपस्थित थे यहां तक कि सम्मेलन में अफगानिस्तान की भी उपस्थिति थी जबकि उसकी गवर्नमेंट को अब तक किसी राष्ट्र ने मान्यता नहीं दी है उन्होंने बोला कि वास्तव में, बीआरआई महज़ एक आर्थिक परियोजना से कहीं अधिक है यह अन्य विकासशील राष्ट्रों के साथ अपनी पहुंच बढ़ाने और एक मजबूत शक्ति के रूप में उभरने की चीन की विशाल रणनीतिक योजना थी जो अमेरिका को उसकी नंबर एक की स्थिति से उखाड़ फेंकेगी उन्होंने बोला कि चीन इन उद्देश्यों को कितना हासिल कर पाया है, इसका आकलन अभी बाकी है, लेकिन यह निश्चित रूप से सरल रास्ता नहीं है, जैसा कि बीजिंग ने 10 वर्ष पहले सोचा होगा उन्होंने बोला कि 2013 में शी की स्थिति काफी अलग थी उन्होंने बोला कि जैसे-जैसे यह परियोजना आगे बढ़ी तो छोटी और कमजोर अर्थव्यवस्थाओं को चीन से कर्ज लेने का बोझ महसूस होने लगा Covid-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध ने पहले से ही तनावग्रस्त अर्थव्यवस्थाओं के लिए और बाधाएँ पैदा कर दीं, इसलिए कई राष्ट्र इससे दूर हो गये उन्होंने बोला कि अब स्वयं चीन की अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर में प्रवेश कर गई है उन्होंने बोला कि ऐसे समय में पुतिन ने चीन से व्यापारिक संबंध तो मजबूत किये ही हैं साथ ही जिनपिंग के साथ खड़े होकर उन्होंने कई राष्ट्रों को अंतरराष्ट्रीय राजनीति के बदलते केंद्र के साथ जुड़ने का इशारा भी कर दिया है उन्होंने बोला कि पुतिन और जिनपिंग ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर भी विस्तार से चर्चा की और अमेरिका तथा नाटो राष्ट्रों की दादागिरी समाप्त करने के लिए विस्तृत रणनीति बनाई है जिसके रिज़ल्ट आने वाले दिनों में दिखेंगे

 

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