अंतर्राष्ट्रीय

पुतिन : प्रधानमंत्री मोदी ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए कर रहे सही काम

मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बोला है कि रूस अपने घरेलू उद्योगों के विकास को बढ़ावा देने में हिंदुस्तान जैसे अपने साझेदारों की कामयाबी की कहानियों का अनुकरण कर सकता है साथ ही उन्होंने बोला कि पीएम मोदी ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए ठीक काम कर रहे हैं पुतिन ने व्लादिवोस्तोक में 8वें पूर्वी आर्थिक मंच के पूर्ण सत्र में बोलते हुए बोला कि, “आप जानते हैं, तब हमारे पास घरेलू स्तर पर निर्मित कारें नहीं थीं, लेकिन अब हमारे पास हैं यह सच है कि वे मर्सिडीज या ऑडी कारों की तुलना में अधिक हल्की दिखती हैं, जिन्हें हमने 1990 के दशक में बड़ी मात्रा में खरीदा था, लेकिन यह कोई मामला नहीं है मैं सोच रहा हूँ कि हमें अपने कई साझेदारों का अनुकरण करना चाहिए, उदाहरण के लिए, भारत

राष्ट्रपति पुतिन की टिप्पणी रूस निर्मित कारों पर एक प्रश्न का उत्तर देते समय आई पुतिन ने बोला कि, “वे हिंदुस्तान में निर्मित वाहनों के निर्माण और इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं” उन्होंने बोला कि, मुझे लगता है कि ”प्रधानमंत्री मोदी मेक इन इण्डिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए ठीक काम कर रहे हैं वह ठीक हैं” उन्होंने आगे बोला कि रूसी निर्मित ऑटोमोबाइल का इस्तेमाल करना एकदम ठीक है पुतिन ने बोला कि, “हमारे पास (रूसी निर्मित) ऑटोमोबाइल हैं, और हमें उनका इस्तेमाल करना चाहिए; यह एकदम ठीक है इससे हमारे WTO दायित्वों का कोई उल्लंघन नहीं होगा, एकदम नहीं यह राज्य की खरीद से संबंधित होगा हमें इस संबंध में एक निश्चित श्रृंखला बनानी चाहिए कारों को विभिन्न वर्गों के अधिकारी चला सकते हैं ताकि वे घरेलू स्तर पर निर्मित कारों का इस्तेमाल करें

बता दें कि, प्रधान मंत्री मोदी ने निवेश को सुविधाजनक बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने, कौशल विकास को बढ़ाने, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और सर्वोत्तम श्रेणी के विनिर्माण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 2014 में ‘मेक इन इंडिया’ अभियान प्रारम्भ किया था “मेक इन इंडिया” पहल चार स्तंभों पर आधारित है, जिन्हें न सिर्फ़ विनिर्माण बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी हिंदुस्तान में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए पहचाना गया है पुतिन ने यह भी बोला कि ‘भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’ (IMEC) किसी भी तरह से रूस को प्रभावित नहीं करेगा दरअसल, इससे राष्ट्र (रूस को) को लाभ होगा IMEC को नयी दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान लॉन्च किया गया था

शनिवार को, नयी दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं ने महत्वाकांक्षी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) की संयुक्त रूप से घोषणा की हालाँकि, पुतिन अपने “व्यस्त कार्यक्रम” के कारण पर्सनल रूप से जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे जब पुतिन से पुछा गया कि, ”क्या IMEC पहल रूस और चीनी परियोजनाओं के कार्यान्वयन को प्रभावित करेगी और सामान्य तौर पर रूस के लिए इसका क्या मतलब है, उन्होंने बोला कि, “मुझे लगता है कि यह हमारी भलाई के लिए है; इससे हमें लॉजिस्टिक्स विकसित करने में सहायता मिलेगी

उन्होंने बोला कि, ‘सबसे पहले तो, इस परियोजना (IMEC) पर लंबे समय से चर्चा हो रही है, शायद पिछले कई सालों से सच बोला जाए तो, अमेरिकी अंतिम समय में इसमें शामिल हुआ लेकिन मैं वास्तव में नहीं समझता कि वे इसका हिस्सा क्यों बनना चाहेंगे, शायद कुछ व्यावसायिक भलाई को छोड़कर” उन्होंने बोला कि, “इस बीच, इस गलियारे के साथ माल का अतिरिक्त यातायात वास्तव में हमारी उत्तर-दक्षिण परियोजना के लिए एक अतिरिक्त होगा हमें यहां ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा है जो हमें किसी भी तरह से हानि पहुंचा सके

उन्होंने बोला कि, “उत्तर-दक्षिण गलियारा फारस की खाड़ी और फिर हिंदुस्तान तक जाता है यदि कोई अन्य मार्ग है, तो मेरा मानना है कि इसमें इजराइल भी शामिल है, हम काला सागर के माध्यम से भूमध्य सागर तक पहुंचने और इस गलियारे का इस्तेमाल करने में सक्षम होंगे” उन्होंने बोला कि, “मुझे नहीं पता, इस परियोजना को प्रस्तुत करने वाले सहयोगियों को इस पर सावधानीपूर्वक विचार करने की जरूरत है यह अब तक सिर्फ़ आशय का एक ज्ञापन है” बता दें कि, नए आर्थिक गलियारे को चीन के विवादास्पद बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है

 

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