अंतर्राष्ट्रीय

राहिले दाउत को एक चीनी अदालत ने आजीवन कारावास की सुनाई सजा

झिंजियांग यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और एक मशहूर बुद्धिजीवी दावुत पहली बार 2017 में गायब हो गए थे. उन पर अलगाववाद का इल्जाम लगाया गया था.

प्रसिद्ध उइघुर विद्वान राहिले दाउत को एक चीनी न्यायालय ने जीवन भर जेल की सजा सुनाई. वॉयस ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार, कैलिफोर्निया में अधिकार समूह डुई फाउंडेशन ने घोषणा की कि चीनी गवर्नमेंट के एक सूत्र ने पुष्टि की है कि दाउत को कथित तौर पर राज्य की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए जीवन भर जेल की सजा सुनाई गई है. वह राष्ट्र के सुदूर उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में उइघुर लोगों पर चीन की कार्रवाई का शिकार होने वालों में से एक है. उइघुर अधिकार समूहों के अनुसार, इस क्षेत्र में जातीय समूह के 300 से अधिक बुद्धिजीवियों को उनकी संस्कृति को नष्ट करने के कोशिश में हिरासत में लिया गया था.

झिंजियांग यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और एक मशहूर बुद्धिजीवी दावुत पहली बार 2017 में गायब हो गए थे. उन पर अलगाववाद का इल्जाम लगाया गया था. हालाँकि, यह साफ नहीं था कि उसे कब सजा सुनाई गई थी और अब जाकर ही किसी विश्वसनीय साधन ने उसकी सजा की पुष्टि की है. डुई हुआ फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक जॉन कैम ने वीओए के हवाले से बोला कि उइगरों के बीच, बुद्धिजीवियों और विद्वानों और प्रोफेसरों को बहुत उच्च सम्मान दिया जाता है. इसलिए जब आप उन पर प्रहार करते हैं, तो आप उइघुर संस्कृति के मूल पर प्रहार करते हैं.

एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, मीडिया रिपोर्टों का अनुमान है कि प्रांत में लगभग 30 लाख लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया और दस लाख से अधिक लोगों को सामूहिक पुनः शिक्षा शिविरों में रखा गया. उइघुर लोककथाओं, संस्कृति और विरासत पर केंद्रित दाउत की छात्रवृत्ति और उसकी जीवन भर जेल की सजा, उइघुर अधिकार समूहों का बोलना है, उइघुर संस्कृति को नष्ट करने के चीन के इरादे को दर्शाता है.

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