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अब कर्नाटक के खालिद की गुहार कौन सुनेगा

Karnataka News: विदेश में नौकरी करने का ख्याल बहुत से लोगों को रोमांच से भर देता है. यूं तो क्वालिफाइड और हुनरमंद लोगों को कहीं भी काम की कमी नहीं होती. लेकिन बेहतर भविष्य की चाहत में बहुत से युवा विदेश में जॉब करना पसंद करते हैं. इसके अतिरिक्त कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कम समय में अधिक कमाई के लालच में राष्ट्र छोड़कर परदेश चले जाते हैं. डॉलर और पाउंड से लेकर दिरहम में कमाई की चाहत कई बार युवाओं को ऐसी कठिन में फंसा देती है जिसकी कभी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होती है. यहीं हुआ है कर्नाटक के मोहम्मद खालिद के साथ जो सऊदी में वाहन चलाता था. एक एक्सीडेंट के बाद उस पर वहां के कानून के हिसाब से तगड़ा जुर्माना लगा और वो वहीं फंस गया है.

भारत गवर्नमेंट से लगाई गुहार

सऊदी अरब में ब्लड मनी जैसा नया मुद्दा सामने आया है. जिसके चलते अपने कर्नाटक का खालिद वहां फंसा हुआ है. हाल ही में केरल के मूल निवासी रहीम की वतन वापसी का व्यवस्था चंदा जुटाकर यानी क्राउड फंडिग की वजह से संभव हुआ था. अब्दुल रहीम को सऊदी अरब की एक न्यायालय ने मृत्यु की सज़ा सुनाई थी. ‘ब्लड मनी’ के बदले उनकी जान बचाई जा सकती थी. जब उसके परिजनों ने पैसों का व्यवस्था कर लिया तो ये समाचार आग की तरह फैली उसके बाद अब खालिद को भी अपने साथ किसी करिश्मा होने की आशा जग गई है.

आपको गौरतलब है कि केरल के लोगों ने सऊदी अरब की कारावास में बंद शख्स की जान बचाने के लिए 34 करोड़ से अधिका की राशि जमा की है. यह धनराशि जमा करने पर कोझिकोड निवासी आदमी की रिहाई हो सकेगी. सऊदी रिवाज के मुताबिक किसी घटनाक्रम में ‘ब्लड मनी’ का मतलब सजा से बचने के लिए पीड़ित के परिवार को धन का भुगतान करना होता है.

उस दिन क्या हुआ था?

रहीम की देखादेखी खालिद ने भी गवर्नमेंट और लोगों से सहायता की गुहार लगाई है. उसने सभी से 7 लाख 60 हजार रुपये का व्यवस्था कराने की निवेदन की है, ताकि वो भी हिंदुस्तान लौट सके. 28 वर्ष के खालिद को एक सड़क हादसा के मुद्दे में गुनेहगार पाए जाने के बाद 7.6 लाख रुपये का जुर्माना चुकाना था. इस धनराशि को न चुका पाने की वजह से वो सऊदी में फंसा हुआ है.

रंग ला रही है कोशिशें

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार खालिद करीब आठ वर्ष पहले वर्क वीजा पर जेद्दा से 830 किमी दूर सऊदी अरब के तायमा गांव गया था. खालिद के माता-पिता कर्नाटक के बेलनी गांव में रहते हैं. उन्होंने अपने बेटे को कैद से बाहर निकलने के लिए एक बार फिर से सरकारी अधिकारियों, दोस्तों और दानदाताओं से आर्थिक सहायता की अपील की है. खालिद वहां वाहन चलाता था. एक दिन उसकी कार सऊदी अरब के किसी नागरिक की वाहन से टकरा गई. खालिद को गुनेहगार पाया गया तो उस पर जुर्माना लगा.

ड्राइवर की जॉब से हाथ धोने के बाद अब वो विवशता में मजदूरी कर रहा है. उसकी रिहाई के लिए कुछ लोगों ने उसे छुड़ाने के लिए सहायता मांगने के लिए एक सोशल-मीडिया कैंपेन प्रारम्भ किया है. उनकी कोशिशों को थोड़ी बहुत सफलता मिली है. खालिद की मां तसलीमा बानो, ने भी हिंदुस्तान गवर्नमेंट से अपने बेटे को छुड़ाने के लिए अपील की है.

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