अंतर्राष्ट्रीय

हमास के मुद्दे पर अरब देशों में फूट,अन्य मुस्लिम देशों का क्या है रूख…

Israel Hamas War: 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद से ही दुनिया दो हिस्सों में बंटती जा रही है जहां एक तरफ पश्चिमी राष्ट्र एक सुर में इजराइल का साथ दे रहे हैं तो वहीं मुसलमान राष्ट्रों की हमदर्दी फिलिस्तीन की ओर है अरब राष्ट्रों के समूह अरब लीग ने बीते बुधवार को एक आपतकालीन बैठक बुलाकर इजरायल के उस निर्णय की आलोचना है, जिसके अनुसार इजराइल ने गाजा में मूलभूत सुविधाओं जैसे खाना, बिजली,पानी की सप्लाई को बंद कर दिया है इधर, इजरायल की मांग है कि हमास ने जिन इजराइली नागरिकों को बंधक बनाया है उन्हें तुरंत रिहा किया जाए इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने बोला है कि अब गाजा पहले का तरह कभी नहीं होगा और इजराइल हमास को समाप्त कर देगा बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा से नागरिकों को तुरंत छोड़ने को बोला है

हमास के हमले के बाद छिड़ी है जंग

दरअसल, बीते 7 अक्टूबर को हमास के चरमपंथियों ने गाजा पट्टी से सटी सीमा पर अचानक जमीन और हवाई हमले किये चरमपंथियों ने निहत्थे बच्चों , स्त्रियों को निशाना बनाकर धावा किया और उनकी जान ले ली सैकड़ों लोगों को बंधक बना कर अपने साथ गाजा पट्टी भी ले गए इधर, अरब राष्ट्र हमास और इजरायल के बीच जारी संघर्ष को रोकने के लिए लगातार बैठक कर रहे हैं मिस्र की राजधानी काहिरा में मंत्रिस्तरीय बैठक हुई इस बैठक में अरब राष्ट्रों ने इजराइल से यथाशीघ्र सुविधाओं की बहाली की मांग की है इसके अतिरिक्त अरब राष्ट्रों ने इजरायल को टू स्टेट पॉलिसी पर वापस लौटने की मांग को दोहराया

कहां खड़े हैं अरब देशों

अरब लीग 22 राष्ट्रों का समूह है जिसमें कि अल्जीरिया, बहरीन, मिस्र, इराक, जॉर्डन, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मोरक्को, ओमान, फिलिस्तीन, कतर, सऊदी अरब, सोमालिया, सूडान, ट्यूनीशिया, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, जिबूती, कोमोरस, मॉरशियाना और सीरिया शामिल हैं

सऊदी अरब – सऊदी अरब ने मंगलवार को मंत्री स्तर की बैठक बुलाई जिसमें कि सऊदी किंग सलमान और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान उपस्थित थे उन्होंने हालात पर नजर बनाए हुए हैं सऊदी अरब ने पश्चिमी राष्ट्रों के संपर्क में है सऊदी अरब ने 56 सदस्य वाली मुसलमान संगठन OIC राष्ट्रों के समूह की आपात बैठक बुलाने को बोला है सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बोला कि वह फिलिस्तीन का समर्थन करते हैं

कतर – कतर ने बयान जारी कर बोला है कि जारी संघर्ष से केवल इजरायल ही उत्तरदायी है | कतर ने दोनों पक्षों से अधिक से अधिक धैर्य बरतने की अपील की है साथ में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से बोला है कि वह इजरायल को रोके जिससे कि इजरायल बहाना बना कर फलस्तीन पर धावा न कर सके

लेबनान – लेबनान प्रारम्भ से ही फलस्तीन की जमीन पर इजरायल की अवैध ढंग से कब्जे को मानता है लेबनान में ही ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह है | लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बौहबिब ने बोला कि उनकी हिज्बुल्लाह से बात हुई है जिसमें कि हिज्बुल्लाह ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे इस जारी संघर्ष में भाग नहीं लेंगे जब तक कि लेबनान पर धावा नहीं होता है

जॉर्डन – जॉर्डन उन राष्ट्रों में शामिल था जिसने इजरायल के विरुद्ध 1948 और 1967 में युद्ध लड़ा था 1967 के युद्ध में इजरायल ने जॉर्डन के भी कुछ जगहों पर भी अधिकार जमा लिया था जॉर्डन ने 12 अक्टूबर को गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों के लिए राहत सामग्री भेजी है जो कि मिस्र के रास्ते पहुंचेगी

सीरिया- सीरिया ने सभी अरब राष्ट्रों को फलस्तीन के लोगों के लिए एकजुट होने के लिए बोला है सीरीया ने भी 6 DAYS WAR में गोलान हाइटस नामक स्थान पर कब्जा कर लिया था

हमास के मामले पर अरब राष्ट्रों में फूट

संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन जिन्होंने इजरायल के साथ अब्राहम एकॉर्ड पर हस्ताक्षर किये थे उन्होंने हमास के हमले की निंदा की संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रालय के बयान जारी कर बोला कि वह स्तब्ध हैं जिस ढंग से स्त्रियों और बच्चों को उनके घरों से बंधक बनाया गया लेकिन बयान में गाजा पर इजरायल के हमले से परहेज किया बहरीन ने भी नागरिकों की मर्डर पर चिंता व्यक्त की है बहरीन विदेश मंत्रालय के बयान में नागरिकों को बंधक बनाने को लेकर आलोचना की है

क्यों कुछ राष्ट्रों के बदल रहे रूख

दरअसल कुछ राष्ट्र पर्दे के पीछे इजरायल से कूटनीतिक संबंध स्थापित एवं सामान्य संबंध करने की ओर अग्रसर हैं कई राष्ट्र जिनमें संयुक्त अरब अमीरात,बहरीन, मोरक्को, सूडान जैसे राष्ट्र शामिल है अमेरिका ने इस समझौतों के लिए मध्यस्थ की किरदार निभाई है

अन्य मुसलमान राष्ट्रों का क्या है रूख

ईरान – हमास को ईरान से ही पैसे , हथियार और अन्य साजो-सामान मिलते हैं ईरान ने हमास का खुलकर समर्थन किया है इजरायल पर हमले का उत्सव ईरान के संसद में मनाया गया था

तुर्कीये – तुर्कीये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने गाजा पट्टी को घेरे जाने की आलोचना की और इजरायल की बमबारी को नरसंहार बताया उन्होंने संसद में दिये बयान में गाजा की नाकेबंदी को शर्मनाक बताया एर्दोगान ने इजरायल की दमनकारी नीतियों को जारी संघर्ष का केंद्र बताया वहीं, पाक ने अभी तक इजरायल को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं दी है पाक ने फलस्तीन के अलग राष्ट्र की मांग का समर्थन करता रहा है

 

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