भारत ने एक और सार्वभौम फैसला लेते हुए कनाडा के लिए किया वीजा सर्विस को बहाल
India Canada Visa Service Latest Updates: भारत अब 40 वर्ष पहले का वह राष्ट्र नहीं है, जिसे पश्चिमी राष्ट्रों की धौंसपट्टी मानने को विवश होना पड़ता था। अब वह न सिर्फ़ अंतरराष्ट्रीय महाशक्ति बनने के लिए तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा है बल्कि राष्ट्र की ओर आंख उठाने वालों को उत्तर देना भी जानता है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्र्डो अपने राष्ट्र की घरेलू राजनीति की वजह से खालिस्तानी आतंकवादियों का देवदुत बनने की प्रयास की थी तो हिंदुस्तान ने उन्हें औकात दिखाने में देर नहीं की। हिंदुस्तान ने न सिर्फ़ कनाडा के खुफिया प्रमुख को राष्ट्र से निकाल दिया था बल्कि वीजा सर्विस भी रोक दी थी। यही नहीं, हिंदुस्तान में जमे उसके 41 एक्स्ट्रा राजनयिकों को भी राष्ट्र छोड़ने के लिए विवश कर दिया।
इन 4 श्रेणियों में मिल सकेगा वीजा
अब हिंदुस्तान ने एक और सार्वभौम निर्णय लेते हुए कनाडा (India Canada Visa Service) के लिए कुछ श्रेणी में वीजा सर्विस को बहाल करने का निर्णय किया है। ओटावा में भारतीय उच्चायोग की ओर से अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट किए गए सर्कुलर के मुताबिक, ‘कनाडा के कुछ हालिया तरीकों और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद, 26 अक्टूबर से प्रवेश वीजा, बिजनेस वीजा, मेडिकल वीजा और कॉन्फ्रेंस वीजा श्रेणियों के लिए वीजा सेवाओं को फिर प्रारम्भ करने का फैसला लिया गया है।’
विदेशमंत्री जयशंकर ने दिया था संकेत
दूतावास (India Canada Visa Service) के सर्कुलर में बोला गया, ‘उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास इमरजेंसी स्थितियों के मद्देनजर कदम उठाते रहेंगे, जैसा कि वर्तमान में किया जा रहा है।’ सर्कुलर में बोला गया है कि स्थिति के लगातार मूल्यांकन के आधार पर आगे के फैसला के बारे में सूचित किया जाएगा। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को बोला था कि यदि हिंदुस्तान कनाडा में अपने राजनयिकों की सुरक्षा में प्रगति देखता है तो वह कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवाएं बहुत जल्द फिर प्रारम्भ करने पर विचार कर सकता है।
जयशंकर ने बोला था कि कुछ सप्ताह पहले हिंदुस्तान द्वारा वीजा सेवाओं को अस्थाई रूप से रोकने के पीछे मुख्य कारण कनाडा (India Canada) में अपने राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता थी। भारतीय ऑफिसरों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में ओटावा की असमर्थता, राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के सबसे बुनियादी पहलू को चुनौती देती है।
दोनों राष्ट्रों में तनाव कम होने की आशा
कनाडा द्वारा अपने 41 राजनयिकों को हिंदुस्तान से बुलाए जाने के कुछ दिनों बाद जयशंकर ने यह टिप्पणी की थी। इस निर्णय को ऐसे कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे दोनों राष्ट्रों के बीच तनाव कम हो सकता है। सर्कुलर में बोला गया है कि ओटावा में भारतीय उच्चायोग और टोरंटो एवं वैंकूवर में उसके महावाणिज्य दूतावास सुरक्षा कारणों से वीजा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने के लिए विवश हुए थे।
18 जून को निज्जर की हुई थी हत्या
बता दें कि ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में 18 जून को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी। पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इस मर्डर में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता का इल्जाम लगाया था। उन्होंने इस संबंध में कनाडाई (India Canada) संसद में भाषण देकर सीधे प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाने पर लिया था, जिससे पिछले महीने हिंदुस्तान और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया। हिंदुस्तान ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित किया था।
भारत ने लिया था कड़ा स्टैंड
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ बताकर खारिज कर दिया था। इसके बाद कनाडा (India Canada) के विरुद्ध कड़ा स्टैंड लेते हुए हिंदुस्तान ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करने की सेवा अस्थाई रूप से सस्पेंड करने की घोषणा कर दी थी। साथ ही