अंतर्राष्ट्रीय

फ्रांस और मिडिल-ईस्ट के सीरिया के बीच 10 साल पुराने मामले को लेकर फिर से बढ़ा तनाव

अब यूरोपीय राष्ट्र फ्रांस और मिडिल-ईस्ट के सीरिया के बीच 10 वर्ष पुराने मुद्दे को लेकर फिर से तनाव बढ़ गया गया है फ्रांस ने सीरिया में नागरिकों के विरुद्ध प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के लिए  राष्ट्रपति बशर अल-असद, उनके भाई माहेर अल-असद और दो अन्य वरिष्ठ ऑफिसरों के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट जारी किया है फ्रांस ने ये वारंट इन्सानियत के विरुद्ध क्राइम और युद्ध क्राइम के लिए जारी किया है

रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने एक न्यायिक साधन और सीरियाई पीड़ितों का अगुवाई करने वाले वकीलों के मुताबिक लिखा है कि गिरफ्तारी वारंट में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद, उनके भाई माहेर, सेना जनरल घासन अब्बास और बासम अल-हसन पर इन्सानियत के विरुद्ध अपराधों में संलिप्तता और युद्ध अपराधों में संलिप्तता का इल्जाम लगाया गया है

अधिकार समूह सिविल राइट्स डिफेंडर्स के अनुसार, राष्ट्रपति के भाई माहेर अल-असद एक विशिष्ट सीरियाई सेना इकाई- चौथे बख्तरबंद डिवीजन के प्रमुख हैं, जबकि दो सेना जनरल घासन अब्बास और बासम अल-हसन, रासायनिक हथियार विकसित करने के आरोपी सीरियाई अनुसंधान एजेंसी में साथ-साथ काम करते थे

केमिकल अटैक में मारे गए थे 1000 से अधिक लोग
रॉयटर्स के मुताबिक, ये वारंट अगस्त 2013 में सीरिया के डौमा शहर और पूर्वी घोउटा जिले में रासायनिक हमलों के मुद्दे में जारी किया गया है इन हमलों में 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे यह पहला अंतर्राष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट है, जो सीरिया के राष्ट्रपति के लिए जारी किया गया है, जिनकी सेना ने 2011 में प्रारम्भ हुए गृह युद्ध के दौरान विरोध प्रदर्शनों का उत्तर क्रूर कार्रवाई के साथ दिया था  संयुक्त देश जानकारों ने सीरियाई गृहयुद्ध को कुचलने के लिए सेना की क्रूर कार्रवाई को युद्ध क्राइम के बराबर कहा है

फ्रांस में मुद्दा दाखिल करने वाले सीरियन सेंटर फॉर मीडिया एंड फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के संस्थापक और वकील माज़ेन दरविश ने कहा, ये पहले अंतर्राष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट भी हैं जो घोउटा में रासायनिक हथियारों से हमले के लिए जारी किए गए हैं फ्रांस कथित युद्ध अपराधों और इन्सानियत के विरुद्ध अपराधों के लिए विश्वव्यापी क्षेत्राधिकार का दावा करता है

सीरिया का रासायनिक हमले से इनकार
दूसरी तरफ, सीरिया रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से इनकार करता रहा है लेकिन संयुक्त देश और रासायनिक हथियार निषेध संगठन की पिछली संयुक्त जांच में पाया गया है कि सीरियाई गवर्नमेंट ने अप्रैल 2017 के हमले में नर्व एजेंट सरीन का इस्तेमाल किया था और बार-बार क्लोरीन को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया था इस मुद्दे पर रॉयटर्स को दमिश्क की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है

केमिकल अटैक के लिए सीरियाई राष्ट्रपति जिम्मेवार
फ्रांस में याचिका दाखिल करने वाले दरविश ने बोला कि यह फैसला 2013 के रासायनिक हमले के “पीड़ितों, उनके परिवारों और बचे लोगों की जीत” और “सीरिया में इन्साफ और स्थायी शांति” की दिशा में एक कदम है दरविश ने कहा, “सीरियाई राष्ट्रपति की जानकारी के बिना रासायनिक धावा नहीं हो सकता था क्योंकि वह सेना के सर्वोच्च कमांडर हैं यह उनकी जिम्मेदारी है और उन्हें इस मुद्दे में जवाबदेह ठहराया ही जाना चाहिए

दरविश ने बोला कि अल-असद और उच्च पदस्थ सेना ऑफिसरों के विरुद्ध मुद्दे को प्रत्यक्ष गवाहों के विवरण और सीरियाई सेना श्रृंखला के गहन विश्लेषण से बल मिला है 2013 में सीरियाई सेना के हमले के असर को दिखाने के लिए यूट्यूब पर शौकिया वीडियो पोस्ट किए गए थे, जिसमें जमीन पर फैली दर्जनों लाशों के फुटेज भी शामिल थे, जिनमें से कई बच्चे थे एक अन्य तस्वीर में यह बात सामने आई थी कि कई बच्चे बेहोश होकर जमीन पर गिरे पड़े हैं उनके मुंह से झाग आ रहा है और चिकित्सक उन्हें बचाने के लिए ऑक्सीजन देने की प्रयास कर रहे हैं

2011 में छिड़ा था सीरिया में गृह युद्ध
इन तस्वीरों ने तब पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था बाद में यूएन ने बोला था कि ऐसा सरीन गैस के इस्तेमाल की वजह से हुआ था सीरिया में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर अल-असद के दमन के बाद 2011 में  गृह युद्ध छिड़ गया था, जो एक खतरनाक संघर्ष में बदल गया, जिसमें विदेशी ताकतें शामिल हो गईं थीं बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक कोर्ट के पास अभी दो राष्ट्राध्यक्षों के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट है पहला रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और दूसरा सूडान के पूर्व राष्ट्रपति उमर अल-बशीर के विरुद्ध ये वारंट हैं

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