अंतर्राष्ट्रीय

इन देशों की मुश्किलें बढ़ी ,पाकिस्तान से भी वापस मांगे हथियार

यूक्रेन की एक स्वतंत्र न्यूज एसेंजी के मुताबिक वॉल स्ट्रीट जर्नल की ओर से दावा किया गया है कि रूस अपने सहयोगी राष्ट्रों बेलारूस, मिस्र, ब्राजील और पाकिस्तान ने पूर्व में सप्लाई किए गए हथियारों और युद्धक विमानों के पुर्जों को वापस मांग लिया है इससे इन राष्ट्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं रूस ने इसके लिए यूक्रेन युद्ध का हवाला दिया है हालांकि आधिकारिक रूप से किसी भी राष्ट्र की ओर से इस बारे में अभी कोई बयान जारी नहीं किया गया है 

यूक्रेनी एजेंसी के मुताबिक सूत्रों ने 8 नवंबर को वॉल स्ट्रीट जर्नल को कहा कि मॉस्को उन हथियारों में से कुछ को वापस पाने की प्रयास कर रहा है जो उसने पहले पाकिस्तान, मिस्र और ब्राजील सहित अन्य राष्ट्रों को निर्यात किए थे रूसी ऑफिसरों ने कथित तौर पर अप्रैल में काहिरा का दौरा किया और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल जीत अल-सिसी से रूसी हेलीकॉप्टरों के सौ से अधिक इंजन वापस करने के लिए कहा, जिनकी मास्को को यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध के लिए जरूरत थी

पाकिस्तान से भी वापस मांगे हथियार

वॉल स्ट्रीट जर्नल से बात करने वाले सूत्रों के अनुसार, रूस ने मिस्र को कर्ज माफी, तरजीही गेहूं की आपूर्ति और उपकरणों के बदले रूसी सेना सलाहकारों की सेवाओं का वादा किया मिस्र ने कथित तौर पर अनुरोधों का अनुपालन किया और संयुक्त राज्य अमेरिका को सूचित किए बिना सौदा किया सूत्रों ने बोला कि रूस ने अपने लंबे समय के ग्राहकों से हथियार प्राप्त करने के एक बड़े कोशिश के अनुसार पाकिस्तान, बेलारूस और ब्राजील से भी इसी तरह का निवेदन किया है इस वर्ष की आरंभ में, सीमा शुल्क डेटा के निक्केई विश्लेषण से पता चला कि रूस हिंदुस्तान और म्यांमार को भेजे गए सेना उपकरणों को वापस खरीदने की प्रयास कर रहा था

हथियारों और उपकरणों की कमी के कारण रूस को अपने शस्त्रागार के पुनर्निर्माण के लिए अपनी सीमाओं से परे देखने और यूक्रेन में युद्ध जारी रखने के लिए विवश होना पड़ा है अमेरिका ने कहा कि राष्ट्रों के नेताओं द्वारा बहुप्रचारित वार्ता के तुरंत बाद रूस ने उत्तर कोरिया से हथियार प्राप्त करना प्रारम्भ कर दिया था

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