देश में गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी के आंकड़ों में जबर्दस्त आया उछाल
Canada Food Bank Report: खालिस्तानी आतंकवादियों की खिदमत में जुटी कनाडा की जस्टिन ट्रूडो की गवर्नमेंट के निकम्मेपन की पोल पूरी दुनिया के सामने खुल गई है। कनाडा के ही फूड बैंक ने एक रिपोर्ट जारी किया है, जिसमें बोला गया है कि राष्ट्र में गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी के आंकड़ों में जबर्दस्त उछाल आया है। फूड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार कनाडा में 2.8 मिलियन लोग गरीबी में जी रहे हैं, जबकि 70 लाख लोगों के पास खाने-पीने का संकट आ खड़ा हुआ है। रिपोर्ट में बोला गया है कि राष्ट्र की 18 प्रतिशत जनसंख्या खाद्यान्न संकट झेल रही है।
रिपोर्ट में यह भी बोला गया है कि कनाडा के राज्य नोवा स्कोशिया में सबसे बुरे हालात हैं। फ़ूड बैंक्स कनाडा की नयी रिपोर्ट के अनुसार, नोवा स्कोशिया उन लोगों को खाना उपलब्ध कराने में विफल रहा है जो गरीबी में जी रहे हैं। रिपोर्ट में 13 मानकों पर चर्चा की गई है। नोवा स्कोशिया को सभी मानकों में सबसे निचले पायदान पर एफ कैटगरी में रखा गया है। मंगलवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा को सभी मानकों को मिलाकर उसके प्रयासों के लिए डी रैंक हासिल हुआ है।
फूड बैंक्स कनाडा के सीईओ कर्स्टन बियर्डस्ले ने एक इंटरव्यू में कनाडा की टीवी चैनल CTVNews को बताया, “कनाडा गवर्नमेंट गरीबी कम करने के अपने दृष्टिकोण में साफ रूप से विफल साबित हुई हैं। हमें हर स्थान और अधिक और कारगर कार्रवाई करने की आवश्यकता है।” इस रिपोर्ट में कनाडा की पूर्वर्ती सरकारों के कामकाज की भी तुलना की गई है।
रिपोर्ट ने प्रत्येक गवर्नमेंट का चार भागों में विश्लेषण किया है। इसके अनुसार गरीबी का अनुभव, गरीबी उपाय, भौतिक अभाव (जीवन स्तर) और उससे निपटने के तरीकों की प्रगति को स्टडी का आधार बनाया गया है। सरकारी और सार्वजनिक डेटा और सर्वेक्षणों का मिश्रण इस्तेमाल करके, अध्ययन संगठन ने हर मानक पर ग्रेड आवंटित किया है। इस रिपोर्ट में प्रांतों और संघीय गवर्नमेंट के बीच तुलना भी करना है और यह समझना भी कि कनाडा में कौन सी नीतियां काम कर रही हैं और क्या बेअसर रही हैं।
फूड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा में लोगों को अपने आवास के लिए अपनी आय का 30 प्रतिशत से अधिक धनराशि खर्च करना पड़ रहा है। इस पैमाने पर कनाडा को कैटगरी डी प्लस में रखा गया है। इसके अतिरिक्त गरीबी दर, बेरोजगारी दर, असमान जीवनयापन के मुद्दे में भी डी प्लस रैंकिंग दी गई है। लोगों ने सर्वे में कहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में महंगाई, गरीबी, खाद्यान्न संकट, बेरोजगारी सभी बढ़ी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 52 प्रतिशत लोगों ने बोला कि पिछले वर्ष की तुलना में कनाडा में जीवनयापन मुश्किल हुआ है। 35 प्रतिशत लोगों ने बोला कि उन्हें अपनी आय का 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सा घर के किराए के लिए चुकाना पड़ रहा है। सरकारी सहायता को नाकाफी बताते हुए सिर्फ 38 प्रतिशत लोगों ने सरकारी तरीकों से संतुष्टि जताई है। केवल 22 प्रतिशत लोगों ने बोला कि विकलांगता की परेशानी के निवारण में सरकारी कोशिश उपयुक्त हैं।